
शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि आम तौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम भी बदल जाता है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अभी ठंड नहीं लग रही है. लेकिन शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, 2017 में शुरू हुआ सेशन 2018 तक चलेगा. इसमें कई महत्वपूर्ण सरकार के कामकाज जो दूरगामी प्रभाव डालेंगे सदन में आएंगे.
उन्होंने कहा कि सदन में अच्छी, सकारात्मक बहस हो. जो देश के लिए अधिक कारगर साबित होगी. ऑल पार्टी मीटिंग में यही बात हुई है. मैं आशा करता हूं कि सकारात्मक रुप से सदन चलेगा.
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. पिछले तीन महीनों में प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों में जो तल्खी दिखाई दी, उसका असर भी संसद में दिख सकता है. सरकार की कोशिश है कि वह अपने बिलों को जल्द पास करा सके. तो दूसरी तरफ विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की पूरी लिस्ट तैयार है.
आपको बता दें कि 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाला यह सत्र मात्र 22 दिनों का होगा जिसमें अगर छुट्टियों को हटा दें तो संसद सिर्फ 14 दिनों तक ही चलेगा. गुरुवार को जब शीतकालीन सत्र से पहले बुलाए जाने वाली सर्वदलीय बैठक हुई तो विपक्ष ने अपना इरादा साफ कर दिया. इसलिए हंगामे के आसार ज्यादा हैं और काम होने के कम. उम्मीद जताई जा रही है कि आज लोकसभा की कार्यवाही टीएमसी सांसद सुल्तान अहमद को श्रद्धांजलि देकर स्थगित हो सकती है.
किन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष
कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष सरकार को संसद में घेरने को बेताब है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए किया गया कमेंट, ईवीएम, चुनाव आयोग के अलावा भी कांग्रेस के पास कई मुद्दे हैं.
# मोदी का मनमोहन पर कमेंट
# अमित शाह के पुत्र जय शाह का मामला
# राफेल डील की खरीद पर सफाई
# ईवीएम का मुद्दा
# चुनाव के दौरान चुनाव आयोग का रुख
# चुनाव के दौरान पाकिस्तान की एंट्री, मणिशंकर अय्यर के घर कथित सीक्रेट मीटिंग
# गुजरात चुनाव के लिए शीतकालीन सत्र में देरी
# राज्यसभा में शरद यादव और अनवर अली की सदस्यता को लेकर सवाल
सरकार के लिए बिल हैं अहम
एक तरफ विपक्ष सरकार को घेरेगा तो दूसरी तरफ सरकार भी चाहेगी कि वह अपने बिलों को पास करवाए. इस सत्र में सरकार कुल 14 बिल पेश कर सकती है, इनमें सबसे बड़ा नाम है तीन तलाक को लेकर पेश किए जाने वाले बिल का. इस बिल के प्रावधान के तहत तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है.