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पठानकोट में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की सरकार भी सख्त रुख अपना रही है. हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत मिलने पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. ऐसा दावा पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने किया है.
'आज तक' से खास बातचीत में हामिद मीर ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से अगले 72 घंटे में कोई बड़ी खबर मिल सकती है. हालांकि हमले से जुड़े किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. मीर ने बताया कि बैठक में नवाज शरीफ के अलावा PAK के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और विदेश मामलों के सलाहकार भी मौजूद थे. इनके साथ ही पाकिस्तान के एनएसए नसीर खान जांजुआ, विदेश सचिव एजाज अहमद, आईबी के डीजी आफताब सुल्तान भी शामिल थे.
'नवाज शरीफ है कार्रवाई का दबाव'
विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द होने को लेकर उठ रहे सवालों पर मीर ने कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पाकिस्तान को जो सबूत दिए गए हैं उनके आधार पर नवाज शरीफ पर कार्रवाई करने का दबाव बना है. दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी या रुकेगी इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.'
उन्होंने कहा कि पठानकोट में हुए आतंकी हमले के सबूत मिलने के बाद नवाज शरीफ ने कई बैठकें की हैं और जरूरी कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है.
'सबूतों के आधार पर आरोपियों पर होगी कार्रवाई'
आतंकी हमले के मास्टर माइंड कहे जा रहे मौलाना मसूद अजहर और तीन अन्य हैंडलर को लेकर किए गए सवाल पर मीर ने कहा कि कुछ अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है. सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
PAK से बातचीत को लेकर MEA का बयान
पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले एनएसए लेवल की बातचीत के बारे में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है. हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का हाथ होने के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो भी सबूत थे वह पाकिस्तान को सौंप दिए गए हैं, उनके बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.
चार दिनों तक चला पठानकोट में ऑपरेशन
पंजाब के पठानकोट में 2 जनवरी को सुबह करीब 3:30 बजे छह आतंकियोंने एयरफोर्स बेस पर हमला बोला था. लगातार चार दिनों तक चले ऑपरेशन के बाद सुरक्षाबलों ने 6 आतंकवादियों को मार गिराया. इस दौरान 7 जवान शहीद हुए जबकि कई घायल हो गए. आतंकवादी एयरबेस में रखे विमानों को नुकसान पहुंचाने के मकसद के आए थे.
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एयरफोर्स बेस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हमले के पीछे पाकिस्तानी हाथ होने के भी संकेत दिए हैं. साथ ही भारत सरकार ने हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के सबूत भी वहां की सरकार को सौंपे हैं. दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता 15 जनवरी को प्रस्तावित है. अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के आकाओं पर जरूरी कार्रवाई नहीं करता तो दोनों देशों के बीच बातचीत रुक सकती है.