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नागरिकता कानून के समर्थन में आए देश के 154 प्रबुद्ध लोग, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

प्रबुद्ध जनों ने पत्र में चिंता जताई है कि सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लेकर जानबुझकर लोगों में अफवाह फैलाई जा रही है. यह देश को नुकसान पहुंचाने के लिए एक सोची समझी साजिश है.

154 प्रबुद्ध नागरिकों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है 154 प्रबुद्ध नागरिकों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

  • CAA, NRC और NPR के समर्थन में लिखी चिट्ठी
  • CAA के खिलाफ हो रहे विरोध को बताया प्रायोजित
  • पूर्व जज व रिटायर्ड IAS भी लिखने वालों में शामिल

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन चल रहा है. दिल्ली का शाहीन बाग इस विरोध प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है. जबकि विपक्ष के कई नेता इस कानून को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेर रहे हैं. इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में देश के प्रबुद्ध लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है. इन प्रबुद्ध लोगों में पूर्व जज, ब्यूरोक्रेट्स, सेना के अधिकारी और शिक्षाविद् शामिल हैं.

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देश के 154 प्रबुद्ध नागरिकों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सोमवार को प्रबुद्ध लोगों ने अपने पत्र में लिखा है कि सीएए, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के खिलाफ एक गलत और प्रायोजित अभियान चलाया जा रहा है जो देश के लिए खतरनाक है.

उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि इन आंदोलनों पर सावधानीपूर्वक ध्यान रखने की जरूरत है और इस अभियान में शामिल लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की जरूरत है. राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने वालों में 11 पूर्व जज, 24 रिटायर्ड आईएएस, 11 पूर्व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी, 16 रिटायर्ड आईपीएस और 18 पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल भी शामिल हैं.

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राष्ट्रपति को लिखे पत्र में क्या कहा

प्रबुद्ध जनों ने पत्र में चिंता जताई है कि सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लेकर जान-बूझकर लोगों में अफवाह फैलाई जा रही है. यह देश को नुकसान पहुंचाने के लिए एक सोची समझी साजिश है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि नागरिकता संशोधन कानून पहले ही लागू किया जा चुका है, जबकि आजादी के बाद से ही एनपीआर और एनआरसी लागू करने की बात की जा रही है. इसका विरोध लोग एक साजिश के तहत कर रहे हैं. उनका मकसद देश के सौहार्द को बिगाड़ना है. इससे देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंच सकता है.

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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद देश के कई शहरों में इसका विरोध शुरू हो गया था. इस विरोध प्रदर्शन का केंद्र दिल्ली का शाहीन बाग बना हुआ है. जहां पिछले 65 दिनों से लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के एक विवादित बयान के बाद शाहीन बाग में एक सप्ताह में तीन बार फायरिंग की घटना भी हुई और इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग एक अहम चुनावी मुद्दा भी बन गया था.

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CAA से किन लोगों को होगा फायदा

बता दें कि सरकार पहले ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 का नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है. इसके साथ ही 10 जनवरी 2020 से ही नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो चुका है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अपने भाषण में दावा किया था कि लाखों-करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा. नया कानून सभी शरणार्थियों पर लागू होगा. वहीं सरकार की ओर से एक कटऑफ तारीख भी तय की गई है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले प्रताड़ित होकर आए सभी हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी.

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