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नोटबंदी के बाद पिछला इनकम टैक्स रिटर्न गलत भरने वाले करदाताओं की खैर नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान करने के बाद जिन लोगों ने अपना पिछला इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, उसको लेकर इनकम टैक्स विभाग ने गलत जानकारी देने वालों को सचेत किया है.

इनकम टैक्स विभाग ने गलत जानकारी देने वालों को सचेत किया है इनकम टैक्स विभाग ने गलत जानकारी देने वालों को सचेत किया है
मोनिका शर्मा/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान करने के बाद जिन लोगों ने अपना पिछला इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, उसको लेकर इनकम टैक्स विभाग ने गलत जानकारी देने वालों को सचेत किया है. जानकारी के मुताबिक अपनी आय, उनके पास मौजूद नकदी, मुनाफे आदि के आंकड़ों में हेराफेरी करने के उद्देश्‍य से पिछले वर्ष के खुद के द्वारा दाखिल किए गए आयकर रिटर्न को संशोधित करने को लेकर सरकार के आयकर प्रावधान का दुरुपयोग कर सकते हैं, ताकि चालू वर्ष की अघोषित आय (चालू वर्ष में पुराने नोट के रूप में रखी गई अघोषित आय सहित) को पुराने रिटर्न में दर्शाया जा सके.

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सरकार ने इस बात को लेकर कहा है कि इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 139(5) के तहत संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने के प्रावधान में यह साफ तौर पर लिखा गया है कि मूल आयकर रिटर्न में दर्ज किसी गलत विवरण अथवा चूक को ठीक करने के लिए ही संशोधन किया जा सकता है, न कि पूर्व में घोषित आय में संशोधन करने के उद्देश्‍य से इसमें संशोधन किया जा सकता है, ताकि पहले घोषित आय के स्‍वरूप एवं उसकी मात्रा में व्‍यापक परिवर्तन किए जा सकें.

इनकम टैक्स विभाग ने ये जनकारी दी है कि अगर आयकर विभाग को किसी ऐसे मामले का पता चलता है जिसमें आय, उपलब्‍ध नकदी, लाभ इत्‍यादि में हेराफेरी की गई है. अथवा खातों में हेर-फेर किया गया है, तो वैसी स्थिति में इन मामलों की छानबीन की जा सकती है.

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