
एक बार फिर पुलवामा हमले पर पाक साजिश के भारत के दावे को पाकिस्तान नकारने में लग गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत से कहा है कि यदि वह पुलवामा आतंकवादी हमले में कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी साझा करता है तो साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि आज तक पाकिस्तान ने न तो 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और न ही पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर पर कोई कार्रवाई की है. दोनों आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं. रैलियां करते हैं और लोगों के बीच में जाकर चंदा इकट्ठा करते हैं.
भारत ने अब यह ठान लिया है कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए उसको अब पुलवामा हमले से जुड़े हुए आत्मघाती हमले की जानकारी न देकर पूरे विश्व में पाकिस्तान के कारनामों का डॉजियर तैयार कर उसको बेनक़ाब कर दिया जाएगा. सूत्रों ने 'आजतक' को जानकारी दी है कि गृह मंत्रालय और जांच एजेंसियों ने इसकी बड़ी तैयारी शुरू कर दी है. इसी बावत बुधवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान में भारत के राजदूत अजय बिसारिया और अमेरिका में भारत के राजदूत से गृह मंत्रालय में मुलाकात की. सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान के इस कृत्य पर पूरा विश्व जिस तरीके से भारत का समर्थन कर रहा है. वैसे में भारत अब पाकिस्तान को अलग-अलग देशों में बेनकाब कर उसको विश्व बिरादरी में अलग-थलग कर देगा.
20 कश्मीरी युवाओं का ब्रेनवॉश
सूत्रों ने ये भी जानकारी दी है कि पाकिस्तान में भारत के राजदूत अजय बिसारिया ने सभी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) के सदस्यों से मुलाक़ात कर सारी जानकारी दी है. इसके अलावा आने वाले दिनों में पाक के खिलाफ़ कई कड़े एक्शन हो सकते हैं. सूत्रों ने आज़तक को बताया है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों के पास कई ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जिसको लेकर पूरे विश्व मे पाक को बेनकाब किया जाएगा. सूत्र बताते हैं कि सुरक्षा काफिले पर हमले की साजिश में जुटे थे जैश- ए- मोहम्मद के कमांडर. पिछले साल रमज़ान के महीने से ही ऐसे हमलों के लिए 150 आतंकियों का दस्ता तैयार कर रहे थे, जिसमें 20 कश्मीरी युवाओं का भी ब्रेन वॉश किया गया था. जैश के कारगुजारियों का कच्चा चिट्ठा तैयार किया गया है, जिसके आधार पर अब जैश का डॉजियर सुरक्षा एजेंसी बना रही है.
नायली आतंकी कैंप में कई बार आ चुका है अब्दुल रऊफ
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है. वो जैश को अपना बच्चा समझता है. आतंकवादियों को फिदायीन दस्ता बनाकर कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में जैश कैसे है? उसका भी कच्चा चिठ्ठा भारत की सुरक्षा एजेंसियों के पास है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक अधिकृत कश्मीर के नयाली ट्रेंनिग कैम्प में 150 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को विशेष तरीके की ट्रेनिंग दिलवा रहा है. ट्रेनिंग के बाद इन आतंकवादियों को सीमा पार से घुसपैठ कराने का प्लान था. इस ट्रेनिंग में इन आतंकियों का ब्रेनवॉश करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद का सेकंड इन कमांड "अब्दुल रऊफ" कई बार POK में मौजूद नायली के आतंकी कैम्प का दौरा कर चुका है.
टेक्निकल वॉर की दी जाती थी ट्रेनिंग
पाकिस्तान अब कश्मीर घाटी में इसलिए जैश के आतंकियों पर ज्यादा भरोसा कर रहा है, क्योंकि जैश के आतंकियों को पाक आर्मी और ISI के निर्देश के अनुसार खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, POK से भर्ती किये गए आतंकियों को टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आका उनको बहावलपुर में अपने हेड ऑफिस के अंडरग्राउंड टेक रूम में "टेक्निकल वॉर" की ट्रेनिंग देकर आगे की ट्रेनिंग के लिए भेजते है. यहीं पर शामिल किए गए आतंकियों का ब्रेनवॉश भी किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद जैश - ए- मोहम्मद अपने जिहादी ग्रुप को ग्राउंड ट्रेनिंग के लिए POK के कैम्प में भेजती है. यहां पर आतंकियों को खतरनाक ट्रेनिंग तो दी ही जाती है, साथ ही यहीं पर इनको भारतीय सुरक्षा बलों पर फ़िदायीन हमले करने के लिए तैयार किया जाता है.
मजहब के नाम पर इकट्ठा किया जाता था फंड
ख़ुफ़िया रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया है कि जैश के आका नए आतंकियों की भर्ती और संस्था के लिए फंड उगाही भी करने में लगा हुआ है. जानकारी के मुताबिक जैश ए मोहम्मद का लीडर अब्दुल रऊफ असगर ने हाल ही में पाकिस्तान के कराची में दौरा-ए-तफसीरियात-अल-जिहाद को संगठित कर मजहब के नाम पर पैसे डोनेट करने के लिए कहा. आतंकी सरगना अब्दुल रऊफ ने कराची में 6 दिनों तक चलाए गए दौरा-ए-तफसीरियात-अल -जिहाद में लोगों से गुजारिश की कि जैश के ट्रस्ट अल -रहमत में पैसे इकट्ठा करें. जब जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था तो उस समय भी आतंकियों को पैसा देने और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए अल रहमत ट्रस्ट के जरिये फंड की उगाही की थी. इस ट्रस्ट को ISI से मिलता है कि हर साल सीक्रेट फंड से बड़ी रक़म. NIA अल रहमत ट्रस्ट पर रख रही है पूरी नज़र.