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पाकिस्तानी व्यापारियों पर मार, 11 दिन से अटारी-वाघा बॉर्डर पर खड़े हैं सैकड़ों ट्रक

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान पर राजनयिक, राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे के जरिए अब तक कई कार्रवाई कर चुका है. आर्थिक मोर्चे पर हुई कार्रवाई का खामियाजा पाकिस्तान के व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. पाकिस्तान के सैकड़ों ट्रक सामानों के साथ अटारी वाघा बॉर्डर पर पिछले 11 दिनों से खड़े हुए हैं. इन सभी ट्रक को भारत आना है.

प्रतीकात्मक तस्वीर(फोटो - पीटीआई) प्रतीकात्मक तस्वीर(फोटो - पीटीआई)
हमजा आमिर
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान पर राजनयिक, राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर अब तक कई कार्रवाई कर चुका है. आर्थिक मोर्चे पर हुई कार्रवाई का खामियाजा पाकिस्तान के व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. पाकिस्तान के सैकड़ों ट्रक सामानों के साथ अटारी वाघा बॉर्डर पर पिछले 11 दिनों से खड़े हुए हैं. इन सभी ट्रक को भारत आना है.

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ट्रक व्यापारियों और ड्राइवरों के साथ सीमेंट, ग्रेनाइट, जिप्सम से भरे हुए हैं. अनिश्चितताओं के कारण ये दिन और रात यहां पर बिताने को मजबूर हैं और इन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान होने का डर है. व्यापारियों का कहना है कि वे पाकिस्तान के सभी हिस्सों से सीमेंट और जिप्सम से भरे ट्रक लेकर आए हैं, लेकिन वाघा बॉर्डर पर उन्हें बीएसएफ द्धारा वापस जाने के लिए कहा गया है.

उनका कहना है कि उनके वीजा और दस्तावेज पूरे थे, लेकिन कस्टम ड्यूटी में अचानक वृद्धि के कारण, भारतीय आयातकों ने उनके शिपमेंट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें गंभीर स्थिति और नुकसान हुआ. वर्तमान में अटारी वाघा बॉर्डर पर कम से कम 450 ट्रक हैं, जिनमें कम से कम 95,000 बैग सीमेंट और हजार टन जिप्सम और ग्रेनाइट हैं.

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कई ट्रक पहले से ही वाघा अटारी गेट से कुछ ही दूरी पर सड़क के किनारों पर ग्रेनाइट और जिप्सम को उतार चुके हैं. ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उनके ट्रक 12 दिनों से सीमा पर खड़े हैं और आगे भी किसी भी प्रकार के हलचल की उम्मीद नहीं है. क्योंकि ट्रक सीमेंट की बोरियों से भरे हुए हैं. ड्राइवरों के मुताबिक उनके ट्रक फंसे हुए हैं. बारिश के कारण भी पाकिस्तानी व्यापारियों को परेशानी हुई है, क्योंकि सीमा पर पड़े सामान खराब हो रहे हैं.

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले ने भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ न केवल राजनयिक और राजनीतिक मोर्चे पर, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी, पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए जीवन और व्यापार को असंभव बना दिया है. 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था. जिससे पाकिस्तान के सामानों पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी तक बढ़ा दी गई.

बता दें कि भारत, पाकिस्‍तान को टमाटर, गोबी, चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, टायर, रबड़ समेत 137 वस्‍तुओं का प्रमुख रूप से निर्यात करता है. इसे अटारी-बाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान को निर्यात की जाती है. वहीं, भारत, पाकिस्‍तान से अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्‍ट और स्‍क्रैप, कॉटन यॉर्न जैसे 264 प्रमुख उत्‍पादों का आयात करता है. इसे पाकिस्तान उरी, पुंछ और मुज्जफराबाद तीन रास्तों से भारत से आयात करता है.

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1996 में पाकिस्तान को दिया गया था MFN का दर्जा

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया था. पाकिस्तान को यह दर्जा साल 1996 में दिया गया था. इसके तहत पाकिस्तान को भारत के साथ ट्रेड करने में जो छूट मिलती है, वह बंद हो गई.

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