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PAK में पल रहे आतंकवाद की इस तस्वीर से क्या आपका खून नहीं खौलता?

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले से 9 दिन पहले यानी 5 फरवरी को पाकिस्तान के कराची में जैश-ए-मोहम्मद की रैली हुई थी. कहा जा रहा है कि इस रैली से भारत को दहलाने के लिए आतंकियों की 7 टीमें भारत रवाना की गई थीं.

पाकिस्तान में  जैश-ए-मोहम्मद की रैली पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद की रैली
विशाल कसौधन
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले से 9 दिन पहले यानी 5 फरवरी को पाकिस्तान के कराची में जैश-ए-मोहम्मद की रैली हुई थी. कहा जा रहा है कि इस रैली से भारत को दहलाने के लिए आतंकियों की 7 टीमें भारत रवाना की गई थीं. इसी रैली में मौलाना मसूद अज़हर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने भारत को दहलाने का ऐलान किया था. और वही हुआ, लेकिन ये पहली बार नहीं जब जैश ने हिंदुस्तान के सीने पर ज़ख्म दिया. उरी से लेकर पठानकोट तक, संसद से लेकर कश्मीर विधानसभा तक, जैश भारत में हुए कई आतंकी हमलों का ज़िम्मेदार है.

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इस रैली को संबोधित करते हुए रऊफ असगर ने कहा था कि हमारा कश्मीरियों के साथ फकत कौम का रिश्ता नहीं है, फकत जुबान का रिश्ता नहीं, बल्कि ला इलाहा इल इल्लाह का रिश्ता है. मोदी आज उन्हें दोबारा बरगला रहा है. उन्हें सहूलियत देने के वादे कर रहा है. कश्मीरी मुझको मिले, उन्होंने बतलाया कि कश्मीर कट सकता है, मर सकता है, मगर इस्लाम और पाकिस्तान से बेवफाई नहीं कर सकता है. अगले साल एक बार फिर कश्मीर सॉलिडरिटी डे मानाएंगे तो दिल्ली दहल चुकी होगी.

पूरे भारत को झकझोरने वाले हमले की नींव इसी रैली में रखी गई थी. पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों में ऐसी की कई रैलियां हुईं. इनमें भारतीय सेना, और भारतीय पीएम को लेकर आपत्तिजनक बातें कही गईं और हमले की धमकियां दी गईं. भारत ने पाकिस्तान पर अपनी ओर से उकसावे वाली कार्रवाई नहीं की है, लेकिन पाकिस्तान अपनी जमीन पर ऐसे आतंकी तत्वों को पनाह देता है और इसका नुकसान भारत को उठाना पड़ता है. बीच-बीच में पाकिस्तान से ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं और इनपर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. ऐसे में भारतीयों का खून खौलना स्वाभाविक है.

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इस रैली को संबोधित करने वाला रऊफ असगर, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर का छोटा भाई है. मसूद अजहर 1994 में ही भारतीय जेल में था, लेकिन दिसंबर 1999 में काठमांडू से इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करने के बाद यात्रियों के बदले भारत ने अफ़गानिस्तान के कंधार में जिन आतंकवादी को रिहा किया था, उनमें भी सबसे खास अजहर ही था. फिलहाल वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहता है.

बता दें, 18 सितंबर 2016 को उरी में जैश ने ही आतंकी हमला किया था. उससे पहले जैश-ए-मोहम्मद ने 2 जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट स्थित वायु सेना ठिकाने पर हमला किया था. 13 दिसंबर 2001 में संसद पर हमले के लिए भी ज़िम्मेदार भी जैश ही था. उसी साल 1 अक्टूबर को जम्मू और कश्मीर विधानसभा पर जैश ने ही आतंकवादी हमला किया था. इससे पहले कंधार विमान हाईजैक में भी जैश का ही हाथ था. पाकिस्तान ने 2002 में इस संगठन पर पाबंदी लगाई, लेकिन जैश का आतंकी सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ही रहता है.

मसूद अजहर और उसके आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का काला चिट्ठा तो आपने जान लिया, लेकिन क्या पाकिस्तान और उसकी गोद में बैठे मसूद अजहर पर कोई कार्रवाई होगी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार ये दोहरा चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक भी होगी. देश का खून खौल रहा है, अब क्या जैश पर सीधी सर्जिकल स्ट्राइक होगी या नहीं.

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