
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के मामले में पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट की डबल बेंच ने आशुतोष महराज के शरीर को अभी फ्रीजर में प्रिजर्व करके रखने का आदेश दिया है. आशुतोष महाराज के अनुयायियों का कहना है कि फैसले के बाद उनकी समाधि जारी रहेगी.
बुधवार को कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले निरस्त कर दिया है जिसमें सिंगल बैंच ने आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के आदेश दिए थे. आदेश में बेंच ने इस बात का भी जिक्र किया है कि डीएमसी की टीम समय-समय पर दौरा करेगी और महाराज के शरीर का निरीक्षण करती रहेगी. डीएमसी के दौरे का खर्च आश्रम को उठाना पड़ेगा. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि आश्रम को अपने खाते में 50 लाख का फण्ड रखना होगा.
आपको बता दें कि 1 दिसंबर 2014 को जस्टिस एमएमएस बेदी की सिंगल बेंच ने डीजेजेएस प्रमुख के शरीर का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया था. उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि आशुतोष महाराज क्लिनिकली डेड को चुके हैं. जिस वजह से उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाना चाहिए. इस आदेश के खिलाफ डीजेजेएस ने डबल बेंच में चुनौती दी थी और कहा था कि आशुतोष महाराज इस वक्त समाधि में लीन हैं और एक दिन वो इससे बाहर आएंगे. जिस वजह से उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता.
इस ऐतिहासिक फैसले के साथ ही कोर्ट ने आशुतोष महाराज के तथाकथित बेटे झा की डीएनए की एप्लिकेशन भी खारिज कर दी है. आपको बता दें कि दिलीप कुमार झा नाम के एक शख्स ने खुद को आशुतोष महाराज का पुत्र बताया था और डीएनए टेस्ट की मांग की थी. कोर्ट ने झा को निर्देश दिया है कि अगर आप डीएनए टेस्ट कराना चाहते हैं तो इसके लिए सिविल सूट दाखिल करना होगा.