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योगी आदित्यनाथ के बाद अब बाबा रामदेव ने बताई हनुमान की जाति

देश में इन दिनों हनुमान की जाति पर हर नेता रिसर्च वर्क कर रहा है. बाबा रामदेव से जब हनुमान जी की जाति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा वो रामभक्त हैं. वे अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं.

बाबा रामदेव (Photo:aajtak) बाबा रामदेव (Photo:aajtak)
धरमबीर सिन्हा/श्याम सुंदर गोयल
  • रांची ,
  • 01 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST

इन दिनों देशभर में हनुमान की जाति बताने की मानों होड़ सी मची हुई है. यूपी के मुख्यमंत्री जहां रामभक्त हनुमान को दलित बताते हैं तो वहीं कोई उन्हें ब्राह्मण बता रहा है और कोई जैन. इसी कड़ी में बाबा रामदेव ने भी अपने विचार रखे हैं और हनुमान को ज्ञानी व क्षत्रिय बताया है. 

देश में इन दिनों हनुमान जी की जाति पर हर नेता रिसर्च वर्क कर रहा है. इस वजह से हर दिन नए-नए तर्कों के साथ हनुमान जी की जाति बताने के लिए नई-नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं. रांची में एक कार्यक्रम में पहुंचे बाबा रामदेव से जब हनुमान जी की जाति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा वो रामभक्त हैं. वे अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं.

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गुमला में है हनुमान जी का ननिहाल

मान्यता है कि झारखंड के गुमला जिले के आंजन ग्राम में हनुमानजी की जन्मस्थली  है. यहां मां अंजना की गोद में वीर हनुमान के बाल्यकाल की एक प्रतिमा है. लोगों की आस्था है क‍ि इस आंजन गांव में हनुमान जी का ननिहाल है. यहां के पांडा हरिओम सुधांशु का कहना है कि यहां निवास करने वाली जनजाति उरांव है, जो वास्तव में ओराम है. कालांतर में लोग अब इसे उरांव के नाम से जानने लगे हैं. वहीं एक जनजाति के लोग अपने टाइटल में बनरा का प्रयोग करते हैं. इतना ही नहीं झारखंड की एक जनजाति टिग्गा भी है इसका शाब्दिक अर्थ बन्दर है.

जात ना पूछो साधु की, वो तो देव हैं

बहरहाल, जिस तरह से नेता आराध्यों को वोट की खातिर जाति में विभक्त कर रहे हैं वे  एक प्रकार से ईश्वर का अनादर कर रहे है, जो ठीक नही हैं. वैसे इन दिनों शिवभक्त, रामभक्त के नाम पर भी राजनीति हो रही है. हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने रामभक्त की काट में अपने आप को देवी भक्त बताया. ऐसे में अब देखना है कि अगला नंबर किस आराध्य का आता है.

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