
राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड (RADL)ने सफाई दी है. कंपनी की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि RADL ने साल 2009 में एयरपोर्ट के लिए महाराष्ट्र सरकार के अधीन आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में हिस्सा लिया था.
अभी अलग-अलग स्थानों पर RADL के पास करीब 1500 एकड़ जमीन है. वहीं दसॉ का RADL में 309 करोड़ रुपये कीमत का 34.8% इक्विटी स्टेक है. कंपनी के मुताबिक निवेश की यह प्रक्रिया सितंबर 2017 में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के तहत अपनाई गई थी .
शुक्रवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा कि आखिरकार अनिल अंबानी की कंपनी को ही इसका ठेका क्यों दिया गया. जब अनिल अंबानी की कंपनी घाटे में चल रही थी तो उसे दसॉ ने 284 करोड़ रुपये क्यों दिए. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अनिल अंबानी की कंपनी के पास तो जमीन भी नहीं थी, जो पैसा दसॉ ने दिया उसी पैसे से उन्होंने जमीन खरीदी. अंबानी की कंपनी को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया.
सीबीआई के चीफ को हटाने की थी वजह
राहुल गांधी के मुताबिक राफेल डील की वजह से ही सीबीआई के चीफ को हटाया गया. क्योंकि नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी के बीच में पार्टनरशिप थी, हमारा काम पूरे देश को सच बताना है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस पूरी डील में सिर्फ दो ही व्यक्तियों को फायदा पहुंचाया है, वो दो व्यक्ति हैं नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी. कांग्रेस अध्यक्ष बोले कि पहले दसॉ ने कहा था कि क्योंकि अनिल अंबानी की कंपनी के पास जमीन थी, इसलिए उनके साथ सौदा किया गया. लेकिन अब सच सामने आया है कि जमीन तो दसॉ के पैसे से खरीदी गई थी, यानी जमीन तो दसॉ ने खरीदी थी. ये लोग जनता के पैैसे से राफेल विमान खरीद रहे हैं, लेकिन जनता को ही दाम नहीं बता रहे हैं.