Advertisement

मोदी सरकार के सौदे में राफेल पर बैंक गारंटी न मिलने से और महंगे हो गए विमान!

Rafale Bank Guarantee Modi Government अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने राफेल सौदे को लेकर एक नए खुलासे का दावा किया है. अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार सौदे में बैंक गारंटी की छूट देने से यह सौदा यूपीए सरकार के मुकाबले काफी महंगा पड़ गया है.

राफेल सौदे पर नया खुलासा राफेल सौदे पर नया खुलासा
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

राफेल सौदे पर फ्रांसीसी कंपनी को बैंक गारंटी देने से सरकार ने छूट दे दी. इसकी जगह ‘लेटर ऑफ कॉम्फर्ट’ से काम चला लिया गया. इसकी वजह से राफेल सौदे की कीमत और बढ़ गई. ‘द हिंदू’ अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है.

अखबार के अनुसार, सौदे के लिए बातचीत करने वाली सात सदस्यीय भारतीय टीम (INT) ने 21 जुलाई, 2016 को रक्षा मंत्रालय को दी अपनी रिपोर्ट में यह बताया था कि बैंक गारंटी से छूट देने की लागत 57.4 करोड़ यूरो तक होगी. इसकी वजह से 23 सितंबर, 2016 को हुआ 36 फ्लाइअवे विमानों के लिए 7.87 अरब यूरो का जो सौदा हुआ, वह यूपीए सरकार के सौदे के मुकाबले 24.61 करोड़ यूरो महंगा पड़ गया.

Advertisement

अखबार ने दावा किया है कि 36 राफेल विमान खरीदने के लिए बनी निगोसिएशन टीम की विस्तृत रिपोर्ट उसने देखी है. इस रिपोर्ट के पैरा 21, 22 और 23 में इस बात का विवरण दिया गया है कि आखिर किस तरह से बैंक गारंटी को खत्म करने की लागत 57.4 करोड़ यूरो तक होती है. यह आंकड़ा बैंक के 2 फीसदी के सालाना कमीशन, भारतीय बैंक के कन्फर्मशन चार्ज के आधार पर तय किया गया, जिसके बारे में एसबीआई ने 2 मार्च 2016 में बताया गया था. इसमें कहा गया कि बैंक गारंटी हटाने से कुल वाणि‍ज्यिक असर सौदे के कुल मूल्य 7.28 फीसदी तक होगा.

अखबार ने भारतीय निगोशि‍एशन टीम के तीन एक्सपर्ट के द्वारा लिखे डिसेंट नोट के आधार पर निम्न चार्ट तैयार किया है-

मद   बैंक गारंटी लागत के बिना प्रस्तावित लागत (मिलियन यूरो में)      बैंक गारंटी लगात के बिना फ्रांस द्वारा तय अंतिम कीमत (मिलियन यूरो में)
 एयरक्राफ्ट पैकेज          7341.58      7169
 वेपन पैकेज         718.29    710.45
 कुल  8059.87  7879.45
 बैंक गारंटी का वित्तीय असर   574     
 कुल          7485.87      7879.45

Advertisement

रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि भारतीय निगोशि‍एशन टीम फ्रांस पर बार-बार यह दबाव बना रही थी कि सौदे में बैंक गारंटी दी जाए. कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भी दिसंबर, 2015 में लिखि‍त रूप से यह सलाह दी थी कि एक कानूनी सुरक्षा उपाय के रूप में फ्रांस से बैंक गारंटी ली जानी चाहिए, क्योंकि इस सौदे में काफी बड़ी रकम लगने वाली है. लेकिन आईएनटी की फाइनल अंतिम रिपोर्ट में इस मामले में चुप्पी साध ली गई है कि बैंक गारंटी न मिलने का कॉमर्शियल असर क्या होगा.

सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में सरकार ने कहा है कि राफेल सौदा इसके पहले के एमएमआरसीए खरीद प्रक्रिया से ‘बेहतर शर्तों’ पर हुआ है.

अखबार के अनुसार, सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने फ्रांसीसी कंपनी को बैंक गांरटी की जरूरत से राहत दे दी और इसकी जगह फ्रांस के प्रधानमंत्री के ‘लेटर ऑफ कॉम्फर्ट’ को ही स्वीकार कर लिया गया जिसकी कानूनी रूप से कोई बाध्यता नहीं है.

गौरतलब है कि देशभर में 2019 के आम चुनाव का माहौल बन गया है ऐसे में मोदी सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को सामने रख जनता को विकास का सबूत दे रही है तो कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ राफेल डील को लेकर मोर्चा खोला है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस रक्षा सौदे में न सिर्फ घोटाले का दावा किया है, बल्कि सीधे तौर पर इस डील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement