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राफेल बनेगा मुद्दा, मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्लान '100 शहर'

लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राफेल डील मामले को जोरशोर से उछालने की रणनीति बनाई है. राफेल मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के 50 नेता 100 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक छह सदस्यीय टीम का भी गठन किया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राफेल मामले को एक बार फिर से उछालकर मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने की बड़ी रणनीति बनाई है. इस मसले पर कांग्रेस के 50 नेता 100 शहरों में मोदी सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

राफेल विमान डील में कथित अनियमितता को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छह सदस्यीय टीम का भी गठन किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी को इस टीम का प्रमुख बनाया गया है.

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सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कांग्रेस के 50 नेता पूरे देश के 100 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. कांग्रेस का आरोप है कि राफेल विमान सौदे में अनियमितता बरती गई है. पिछले कुछ समय से कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेर भी रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद संसद में राफेल मसले को उठा चुके हैं, जिस पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को सफाई देनी पड़ी थी. हालांकि रक्षामंत्री की सफाई से कांग्रेस संतुष्ट नहीं हुई और उन पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया.

राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में भी पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं. हाल ही में राजस्थान में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार ने 45 हजार करोड़ रुपये के कर्जदार अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल कॉन्ट्रैक्ट इसलिए दे दिया, क्योंकि वो उनके (मोदी) दोस्त थे.

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कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि अंबानी ने अपनी जिंदगी में एक भी हवाई जहाज नहीं बनाया, लेकिन उनकी सिर्फ एक योग्यता ये है कि वो मोदी के दोस्त हैं, जिसके चलते उनको फायदा पहुंचाने के लिए यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया.

कांग्रेस का यह भी दावा है कि यूपीए सरकार ने जिस विमान की डील की थी, उसी विमान को मोदी सरकार तीन गुना कीमत में खरीद रही है. साथ ही इस नई डील में किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की बात नहीं है. पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी का कहना है कि यूपीए सरकार की डील के अनुसार 126 में से 18 एयरक्राफ्ट ही फ्रांस में बनने थे, बाकी सभी HAL के द्वारा भारत में बनने थे.

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