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वायु सेना के उप प्रमुख बोले- किसी भी कीमत पर चाहिए राफेल, ये डील पहले वाली से बेहतर

इससे पहले भी राफेल डील पर वायुसेना प्रमुख, उपप्रमुख अपनी राय रख चुके हैं. वायुसेना अभी तक राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के लिए अहम और ज़रूरी बता रही है.

एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार (फाइल फोटो) एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार (फाइल फोटो)
रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

राफेल डील विवाद पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच एयरफोर्स की तरफ से बड़ा बयान आया है. भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने हाल ही में राफेल विमान को उड़ाया और अब उन्होंने इसकी जमकर तारीफ की है. एयर मार्शल रघुनाथ का कहना है कि मुझे राफेल उड़ाने का मौका मिला, ये बहुत शानदार है और हम इससे संतुष्ट है.

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जब उनसे पूछा गया कि इसमें 30,000 करोड़ का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट है और अनिल अंबानी को फायदा मिला है. तो उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे लगता है कि लोगों को गलत जानकारी दी गई है, इसमें ऑफसेट के नाम पर 30,000 करोड़ की बात नहीं है. जो dassault है वह सिर्फ 6500 करोड़ का ही कॉन्ट्रैक्ट देगी, उससे ज्यादा का नहीं.

इसके अलावा जब उनसे सवाल किया गया कि फ्रैंच मीडिया में कहा जा रहा है कि अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है. इस पर उन्होंने कहा कि जो डील 2008 में की जा रही थी, ये उससे कई ज्यादा अच्छी डील है. चाहे वो दाम हो या फिर अन्य चीज़ें हो. इसमें हमें अच्छी तकनीक, मेंटेनेंस सबकुछ मिल रही है.

उनके अलावा एयरफोर्स के डिप्टी चीफ शिरीष बबन देव ने भी इस डील की तारीफ की. उन्होंने कहा कि राफेल का प्रोडक्शन शुरू हो चुका है, इससे सिर्फ राफेल ही नहीं बल्कि किसी भी जहाज का पुर्जा बनाया जा सकता है.

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इस डील को रिलायंस को क्यों दिया गया इस सवाल पर डिप्टी चीफ देव ने कहा कि ये बात कमर्शियल है, जो फ्रैंच कंपनी है उनको पता है कि ये ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट है. अब उसे कैसे सर्विस करना है, किसके पास जाना है. ये सरकार दबाव नहीं डाल सकती है.

उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक सरकार उनपर दबाव नहीं डाल सकती क्योंकि वो मानते नहीं, अब क्योंकि उनका Commercial Survival At Stake है तो आपको कंपनी चलानी है या फिर सरकार के दबाव में कंपनी दबाओगे.

राफेल पर चल रहे विवाद से क्या एयरफोर्स को नुकसान होगा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विवाद से एयरफोर्स को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर राफेल नहीं आता है तो एयरफोर्स को जरूर नुकसान हो सकता है. हमें तो किसी भी कीमत पर राफेल चाहिए.

बता दें कि वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस में पहली भारतीय राफेल काम्बैट एयरक्रॉफ्ट पर उड़ान भरी थी. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस लड़ाकू विमान की पहली खेप अगले साल सितंबर में भारत आ सकती है.

आपको बता दें कि राफेल डील में कांग्रेस पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं, उन्होंने सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहकर बुलाया था. सरकार की तरफ से भी इस मुद्दे पर लगातार बचाव किया जा रहा है.

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