
राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में अब आर-पार की लड़ाई चल रही है. इस लड़ाई में अब देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के अध्यक्ष एक दूसरे पर वार कर रहे हैं. बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर से वार किया, तो अमित शाह ने भी ट्विटर से ही जवाब दिया.
दरअसल, इसकी शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली के ब्लॉग से हुई. जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से 15 सवाल पूछे थे, इसका जवाब देते हुए राहुल ने ट्वीट किया कि "ग्रेट राफेल रॉबरी पर फिर से देश का ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया जेटली जी. क्यों न इस मामले को निपटाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति से जांच करा ली जाए?
राहुल ने लिखा कि समस्या यह है कि आपके सुप्रीम लीडर अपने दोस्त को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसलिए थोड़ी तकलीफ हो सकती है. पता कर लीजिए, और 24 घंटे में जवाब दीजिए. हम इंतज़ार कर रहे हैं".
राहुल गांधी का जवाब देते हुए अमित शाह ने लिखा कि 24 घंटे का इंतजार क्यों करना जब आपके पास अपनी जेपीसी- झूठी पार्टी कांग्रेस है. देश को मूर्ख बनाने वाले आपके झूठ स्वप्रमाणित हैं, जब आप दिल्ली, कर्नाटक, रायपुर, हैदराबाद, जयपुर और संसद में राफेल की अलग-अलग कीमत बताते हैं. लेकिन देश की बुद्धिमत्ता (IQ) आपसे ज्यादा है.
इसके बाद कांग्रेस की ओर से भी जवाब आया. कांग्रेस ने आरपीएन सिंह ने आजतक से बात करते हुए कहा कि तू इधर-उधर की बात ना कर, सिर्फ इतना बता राफेल में लूटा कितना. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि बीजेपी अध्यक्ष JPC और राफेल डील पर उठ रहे सवालों को छोड़ते हुए राहुल गांधी पर निजी हमले कर रहे हैं.
उन्होंने लिखा कि यूपीए ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा. जेटली ने लिखा था कि इस सौदे की कीमत पर राहुल गांधी और कांग्रेस जो भी कह रहे हैं, वह सब झूठ है.