
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राफेल विमान और एयर स्ट्राइक को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी (CPIM) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने जबरदस्त पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब उनकी ही पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि जब पीएम मोदी कहते हैं कि अगर राफेल विमान होता, तो नतीजा कुछ और होता, तो वो खुद भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं.
कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि राफेल न होने के लिए पीएम मोदी खुद जिम्मेदार हैं. अगर उन्होंने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए तिकड़म नहीं किया होता, तो राफेल विमान भारत के पास होता. इसके अलावा राफेल विमान पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर सीपीआईएम नेता निलोत्पल बसु और सीपीआई नेता डी राजा ने भी निशाना साधा है.
बसु ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राफेल की कमी महसूस हो रही है. क्या भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में जो पराक्रम दिखाया है, वो उतना अच्छा नहीं था? उन्होंने कहा कि दूसरा सवाल ये है कि अगर राफेल इतना ही बेहतरीन है, तो 5 स्क्वाडर्न से घटाकर 2 स्क्वाडर्न क्यों किया गया? आतंकवाद के खिलाफ जंग में देश का कोई भी नागरिक विरोध में नहीं है. आतंकवाद के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का जो भाषण है, वो इस एकजुटता को तोड़ने का काम कर रही है.
सीपीआईएम नेता बसु ने कहा, 'मैंने तस्वीर देखी कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मिलिट्री की पोशाक पहनकर चुनाव कैंपेन में निकल रहे हैं. बीजेपी की एक जीप के आगे विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर लगी है. प्रधानमंत्री मोदी और बीएस येदियुरप्पा जिस भाषा में बात कर रहे हैं, उसने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकता को तोड़-मरोड़कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि अगर आज कोई भारत के खिलाफ है, तो वो हैं भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी. हम तो आतंकवाद के खिलाफ हैं. हम सब इसके खिलाफ एकजुट होना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय एकता के साथ खिलवाड़ क्यों कर रही है.
इसके अतिरिक्त सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, 'मैं राफेल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से सहमत नहीं हूं. पीएम मोदी को राफेल डील की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए. मोदी पिछले पांच साल से देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने इतने समय तक राफेल को लेकर क्या किया.' राजा ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने सार्वजनिक कंपनी HAL को दरकिनार करके राफेल डील उस कंपनी को दे दिया, जो महज 10 दिन पहले ही रजिस्टर हुई थी और जिसे रक्षा क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था. इसके साथ ही राफेल विमानों की कीमत भी बढ़ा दी गई.
डी राजा ने कहा कि अगर राफेल विमान मिलने में देरी हो रही है, तो इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को जवाबदेही होना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि आखिर राफेल डील को रोका किसने है? पीएम मोदी ने खुद इस पर फैसला लिया है. इसमें न तो रक्षामंत्री शामिल रहे और न ही विदेश मंत्री. एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया वायुसेना की एयर स्ट्राइक में 200 से 300 आतंकी मारे जाने की खबर बता रहा है, जबकि दुनिया के दूसरे देशों की मीडिया इससे इतर खबर दे रही है.
आपको बता दें कि शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक का जिक्र किया था. साथ ही विपक्षी दलों को निशाना साधते हुए कहा था कि देश ने राफेल की कमी महसूस की है. अगर राफेल होता, तो नतीजा कुछ और होता है.