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राफेल पर फ्रांस ने दी थोड़ी रियायत, भारत को चाहिए ज्यादा

फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के डील पर दोनों देशों के बीच बातचीत थोड़ी और आगे बढ़ी है. फ्रांस ने भारत के लिए राफेल की कीमत थोड़ी घटा दी है. हालांकि, भारत कीमत में और कटौती की मांग कर रहा है, जिसकी वजह से इस डील को होने में कम-से-कम छह हफ्ते का समय और लग सकता है.

राफेल पर डील कीमतों को लेकर अटकी राफेल पर डील कीमतों को लेकर अटकी
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के डील पर दोनों देशों के बीच बातचीत थोड़ी और आगे बढ़ी है. फ्रांस ने भारत के लिए राफेल की कीमत थोड़ी घटा दी है. हालांकि, भारत कीमत में और कटौती की मांग कर रहा है, जिसकी वजह से इस डील को होने में कम-से-कम छह हफ्ते का समय और लग सकता है.

36 राफेल विमानों के लिए होना है डील
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, लागत बढ़ने और डॉलर की दर को ध्यान में रखते हुए यूपीए सरकार के समय के टेंडर के अनुसार 36 राफेल विमानों के लिए भारत को मौजूदा समय में 66 हजार करोड़ रुपये (करीब 9 अरब यूरो) चुकाने पड़ेंगे. हालांकि, भारत की ओर से युद्धक विमान में जिन बदलावों की मांग की गई है उनकी लागत भी इसी में शामिल है.

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8 अरब यूरो तक लाने का भारत का प्रयास
सरकारी सूत्रों ने बताया, भारत सरकार प्रयास कर रही है कि इसकी कीमत 8 अरब यूरो (करीब 59 हजार करोड़ रुपये) के करीब लाया जाए. सूत्र ने यह भी बताया कि दाम को लेकर बातचीत 21 जनवरी से ही शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि यूपीए के टेंडर की मूल कीमत से वे नीचे आए हैं, लेकिन हम थोड़ा ज्यादा की उम्मीद कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि फ्रांस अब किस कीमत पर विमान देने की पेशकश कर रहा है, तो उन्होंने बताया कि मामूली कटौती की पेशकश आई है.

कई मुद्दों पर बातचीत जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने विमानों की आपूर्ति के लिए दोनों सरकारों के बीच (अंतर-सरकारी) समझौते पर सहमति जताई है, जो दसॉ एविएशन के ठेके की शर्त से बेहतर बताई जा रही है. इसके अलावा भारत डील के लिए कितना एडवांस पेमेंट करेगा, इस मुद्दे पर भी बातचीत चल रही है.

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50 प्रतिशत ऑफसेट लागू होगा
समझौते पर 50 प्रतिशत ऑफसेट लागू होगा यानी परियोजना की आधी कीमत के बराबर धन किसी भी माध्यम से भारत में आएगा या उसे यहां निवेश किया जाएगा. फ्रांसीसी अधिकारियों ने पहले इस पर सहमति नहीं जताई थी, लेकिन पिछले साल अगस्त में मोदी की ओलांद से फोन पर बातचीत के बाद इस अवरोध को भी समाप्त कर लिया गया.

मोदी-ओलांद वार्ता में MoU
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 25 जनवरी को ही इस समझौते पर हस्ताक्षर हो चुका है. उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कीमत को लेकर बातचीत अभी जारी है. रफाल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन ने समझौते पर जारी बयान में कहा, 'हम इस मामले में हुई प्रगति से खुश हैं और अगले चार सप्ताह में डील पर मुहर लगाने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों की ओर से किए जा रहे प्रयास का सक्रिय समर्थन कर रहे हैं.'

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