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दुश्मन को दहलाने 29 जुलाई को आएगा राफेल, अंबाला एयरबेस पर तैनात होंगे 5 विमान

इंडियन एयर फोर्स ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के ऑफिसर्स ने राफेल की तकनीकी पेचीदगियों को समझने के लिए इसकी व्यापक ट्रेनिंग ली है. एयर फोर्स के अधिकारियों ने इस फाइटर विमान की उच्च मारक क्षमता का गहराई से अध्ययन किया है और अब वे इस पर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

29 जुलाई को 5 राफेल विमान भारत को मिलेंगे (फाइल फोटो- पीटीआई) 29 जुलाई को 5 राफेल विमान भारत को मिलेंगे (फाइल फोटो- पीटीआई)
अभि‍षेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:31 PM IST

  • अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर वायुसेना में होंगे शामिल
  • 29 जुलाई को 5 राफेल लड़ाकू विमानों की डिलीवरी
भारतीय वायुसेना के लिए 29 जुलाई का दिन खास होने वाला है. उम्मीद है कि इसी दिन भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमानों की सप्लाई मिल जाएगी. उसी दिन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर इसे वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

हालांकि 29 जुलाई को मौसम का मिजाज कैसा रहेगा ये जानना अहम होगा. इस दिन मौसम की भूमिका अहम रहेगी. मॉनसून होने की वजह से अभी उत्तर भारत में बारिश हो रही है.

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29 जुलाई को भारत आएंगे 5 राफेल

29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद राफेल विमान को 20 अगस्त को एक समारोह में राफेल को वायुसेना में अंतिम रूप से शामिल किया जाएगा.

एयर फोर्स अधिकारियों ने ली है गहन ट्रेनिंग

इंडियन एयर फोर्स ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के ऑफिसर्स ने राफेल की तकनीकी पेचीदगियों को समझने के लिए इसकी व्यापक ट्रेनिंग ली है. एयरफोर्स के अधिकारियों ने इस फाइटर विमान की उच्च मारक क्षमता का गहराई से अध्ययन किया है और अब वे इस पर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. वायुसेना के मुताबिक राफेल के आते ही कोशिश की जाएगी कि विमान को जल्द से जल्द ऑपरेशन लेवल तक ले लाया जाए, यानि कि इस विमान का अलग-अलग उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाए.

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अगले 2 साल में भारत को मिलेंगे 36 राफेल

बता दें कि भारत को फ्रांस से अगले दो सालों में दो स्क्वाड्रन में 36 राफेल विमान मिलने हैं. एयरफोर्स सूत्रों के मुताबिक पहला स्क्वाड्रन अंबाला बेस से पश्चिमी कमान के लिए काम करेगा तो दूसरे स्क्वाड्रन की तैनाती पश्चिम बंगाल के हाशीमारा एयर फोर्स स्टेशन में की जाएगी, ताकि पूर्वी छोर पर चीन के किसी भी खतरे से निपटा जा सके.

पढ़ें- डिलीवरी मिलते ही राफेल को मोर्चे पर उतारने की तैयारी, एयरफोर्स बना रही रणनीति

पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस

राफेल लड़ाकू विमान पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस है. ये भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में व्यापक इजाफा करेंगे.

मेट्योर सिस्टम दुश्मन को हवा से हवा में ही मार गिराने की तकनीक है, जबकि स्कैल्प लंबी दूरी का क्रूज मिसाइल है. इसे इस विमान से ही लॉन्च किया जा सकता है ये मिसाइल दुश्मन के स्थिर और गतिशील लक्ष्यों को अंदर तक जाकर भेद सकता है.

भारत की जरूरतों के मुताबिक किए गए बदलाव

राफेल लड़ाकू विमान में भारत की जरूरतों के मुताबिक कई और बदलाव और संवर्धन किए गए हैं. इन खासियतों पर एयर फोर्स के ऑफिसरों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है. उन्हें न सिर्फ इसकी ऑपरेशनल जानकारी दी गई है बल्कि रख-रखाव और मरम्मत के बारे में भी बताया गया है.

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59000 करोड़ की भारी भरकम डील

बता दें कि भारत सरकार ने 2016 में फ्रांस सरकार से 59000 करोड़ के भारी भरकम सौदे में 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने की डील की थी. इसे लेकर देश की राजनीति में भूचाल आ गया था. विपक्ष ने सरकार पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से ज्यादा कीमतों पर इन विमानों को खरीदने का आरोप लगाया था.

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