
राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदालत की निगरानी में जांच की मांग संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के फैसले के बाद संसद से सड़क तक सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच रार मची हुई है. तो वहीं वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने बुधवार को राफेल को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस के साथ हुए इस सैन्य विमान सौदे के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर बहुत अच्छा फैसला दिया है.
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने रक्षा खरीद के राजनीतिकरण के विरुद्ध सावधान किया और कहा कि पहले इसी की वजह से सेना को बोफोर्स तोप हासिल करने में देरी हुई थी. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत अच्छा फैसला दिया. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस विमान की सख्त जरूरत है. धनोआ ने कहा कि जहां तक प्रौद्योगिकी की बात है तो राफेल विमान के खिलाफ कोई तर्क नहीं है.
कांग्रेस ने 36 राफेल विमानों के इस सौदे में अनियमितता का आरोप लगाया है और दावा किया है कि यह सरकार उस दाम से बहुत ऊंचे मूल्य पर ये विमान खरीद रही है जिस पर पिछली सरकार बातचीत कर रही थी. धनोआ ने कहा कि वायुसेना ने यह पक्का किया है कि विमान में श्रेष्ठ युद्धक प्रणाली हों. उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध खरीद में पहले ही काफी लंबा वक्त लग चुका है और इस दौरान भारत के पड़ोसियों ने अपना रक्षा आयुध भंडार उन्नत कर लिया.
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे रणनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर हमें इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि करदाताओं को यह जानने का हक है कि उनका पैसा कहां जाता है लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि इसका सही ढंग से इस्तेमाल हो.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी लगातार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू कह रही है कि इस सौदे के जिन पहलुओं की जांच होनी है वह सिर्फ संयुक्त संसदीय समिति ही कर सकती है. लेकिन सरकार कांग्रेस की मांग यह कह कर खारिज कर रही है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब जांच करने को कुछ नहीं है.