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राहुल गांधी का वार, अहिंसा दिवस पर किसानों को पिटवा रही BJP

गौरतलब है कि किसानों के मार्च को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू की गई थी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

भारतीय किसान यूनियन (BKU) की अगुवाई में दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों को मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर ही  पुलिस ने रोक दिया गया. इस दौरान उन पर लाठीचार्ज किया गया. इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सिर्फ राहुल ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियां भी अब किसानों के समर्थन में गई हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, ''विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ. अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते''.

कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह गाजीपुर बॉर्डर पर जाएंगे. पार्टी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि वो भी वहां पर पहुंचे.

बता दें कि मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई वाला मार्च गाजियाबाद पहुंचा और यहां पर पुलिस से झड़प हुई. UP-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने यहां पर बैरिकेडिंग कर दी थी, जहां किसान और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े.

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किसानों-सरकार में बन गई बात

हालांकि, लाठीचार्ज-झड़प के बाद सरकार की तरफ से किसानों को मनाने की कोशिशें की गईं. इस संघर्ष के बाद किसानों के प्रतिनिधियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की.

इस दौरान कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे. मुलाकात के बाद कृषि राज्यमंत्री ने बयान दिया कि अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई है, किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है. किसान नेताओं से बातचीत के दौरान ही राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर भी बात की. 

मामले पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये आजादी के बाद किसानों पर सबसे बेरहम घटना है. किसान आंदोलन के पहले ही दिन सरकार को किसानो से बात करनी चाहिए थी. हमारी एनडीए के शुभचिंतक के नाते सलाह है कि किसानों की सभी मांगों को मान लिया जाना चाहिए.

त्यागी के मुताबिक, सरकार ने जिस तरह से स्वामीनथान कमीशन को आधे-अधूरे तरीके से लागू किया है और किसानों के लिए जो अन्य कदम उठाए गए हैं उससे संतुष्ट नहीं हैं.

जेडीयू नेता ने आगे कहा कि हमारी मांग है कि जब एससी/एसटी, ओबीसी के संवैधानिक आयोग का गठन किया जा सकता है तो किसानों के राष्ट्रीय किसान आयोग क्यों नहीं बनाया जा सकता? हमारी अपील है कि सरकार जल्द किसान आयोग का गठन करे.

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