
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता ही रहता है और शायद राजनीति ऐसी ही चलती है. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को वाराणसी की रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अभी युवा नेता और भाषण देना सीख रहे हैं. बहराइच की रैली में राहुल ने प्रधानमंत्री पर पलटवार किया लेकिन उनका अंदाज-ए-बयां जुदा सा लगा.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर मिर्जा गालिब के शेर से पलटवार किया. राहुल ने गालिब का शेर पढ़ते हुए कहा कि 'हर एक बात पे कहते हो कि तू क्या है, तुम्हीं कहो कि ये अंदाज-ए-गुफ्तगू क्या है'. राहुल के शेर पर रैली में मौजूद लोगों ने खूब तालियां बजाईं.
राहुल का शायराना अंदाज शुक्रवार को भी जारी रहा. अल्मोड़ा रैली के दौरान राहुल एक बार फिर शायराना हुए. इस बार उन्होंने बशीर बद्र का शेर पढ़ा, 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते, गृहस्थियां जलाने में.' राहुल गांधी यहीं नहीं रुके, बल्कि रैली के दौरान उन्होंने 1982 में आई फिल्म 'नमक हलाल' का डायलॉग भी पढ़ा. फिल्म में अमिताभ पर फिल्माए गए गाने की लाइन पढ़ते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि 'आपका तो लगता है बस यही सपना, राम-राम जपना... गरीब का माल अपना'.
नोटबंदी के इस दौर में राहुल का ये अंदाज प्रधानमंत्री को घेरने के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है. ट्विटर पर राहुल गांधी की शेरो-शायरी की खूब चर्चा हो रही है. कुछ लोग राहुल के अंदाज की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग राहुल का मजाक भी उड़ा रहे हैं. सोशल साइट ट्विटर पर लगातार #RahulGandhiPoetry ट्रेंड कर रहा है. तारीफ हो या मजाक लेकिन सोशल मीडिया पर राहुल का ये अंदाज सुर्खियां जरूर बटोर रहा है.