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लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की मुहिम रफ्तार पकड़ती जा रही है. कांग्रेस इसे और धार देने जा रही है. कांग्रेस मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी करेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली स्थिति पार्टी कार्यालय में घोषणापत्र जारी करेंगे.
माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में कई और बड़े ऐलान कर सकती है. पार्टी में मेनिफेस्टो में रोजगार, पर्यावरण और शहरीकरण पर फोकस रहेगा. राहुल गांधी पहले ही न्यूनतम आय योजना (न्याय) की घोषणा कर चुके हैं. वह बार बार कह रहे हैं कि कांग्रेस गरीबी के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करेगी, हम भारत के लोगों को 'न्याय' देंगे. यह गरीबी के खिलाफ हमारा गैर-हिंसक हथियार है.
उनका कहना है कि 12,000 से कम की मासिक कमाई वाले 20 फीसदी सबसे गरीब लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा और हर साल उनके बैंक खातों में 72,000 रुपये दिए जाएंगे. राहुल गांधी नोटबंदी की जांच योजना आयोग को बहाल करने आदि की घोषणा पहले कर चुके हैं. माना जा रहा है ये सभी बातें घोषणापत्र में शामिल हो सकती हैं.
इसके अलावा राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर केंद्र में उनकी सरकार बनती है तो एक साल के अंदर 22 लाख सरकारी नौकरी दी जाएंगी. उन्होंने अपने वादे के साथ इसे पूरा करने की बाकायदा तारीख भी बताई है. राहुल ने कहा है कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो अगले साल 31 मार्च तक 22 लाख सरकारी नौकरियों के पद भर दिए जाएंगे.
मोदी सरकार को रोजगार के मुद्दे पर घेरने वाले राहुल गांधी ने यह वादा लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले पहले चरण के मतदान से दस दिन पहले किया है. रविवार रात राहुल गांधी ने यह वादा एक ट्वीट के जरिए किया. राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मौजूदा वक्त में करीब 22 लाख सरकारी नौकरियों के लिए पद खाली हैं. अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो 31 मार्च 2020 तक इन सभी पदों को भरा जाएगा.
राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक के विजयवाड़ा ने कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकारों ने 14 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और मनरेगा जैसी योजनाओं से लाखों लोगों को रोजगार दिया. उन्होंने कहा, हमने देश को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया, स्कूलों में हमारे बच्चों को खाना दिया, हमने किसानों, जनजातियों व दलितों की जमीनों की रक्षा के लिए नए कानून बनाए. उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने सभी चीजों को खत्म कर दिया.
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