
नोटबंदी के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी पर राहुल गांधी के हमलों पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने जमकर पलटवार किया है. उमा भारती ने कहा कि राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं. मां-बेटे दोनों पर हजारों करोड़ के घोटाले का मामला चल रहा है और वे जमानत पर बाहर हैं. कोर्ट में मामला है. उमा भारती ने कहा कि इन पर मामला दर्ज हुआ है यह दोनों अपराधी माने गए. तभी तो जमानत करवाई इन्होंने. इसलिए राहुल को तो इस संबंध में एक भी शब्द बोलने का अधिकार नहीं है.
डायरी के मामले में नियम स्पष्ट
पीएम मोदी पर राहुल द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर उमा भारती का कहना है कि हवाला की डायरी के समय पर ही सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग आई थी कि डायरी में लिखे नामों की प्रमाणिकता तब तक नहीं है जब तब दूसरे सबूत ना हों. यह बात तो उनको भी अच्छी तरह से मालूम है. जांच बिठाने का तो सवाल तब होता न जब ऐसा आदेश पहले ना आता. इनको कोई मुद्दा मिला नहीं. देश की जनता को बहुत उकसाया, बहुत बहकाया.
नोटबंदी से काले धन पर लगी रोक
उमा भारती ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के कारण किसी तरह से काले धन पर रोक लगी है. इस बारे में कांग्रेस के लोग देश के लोगों को भड़काने में लगे हैं. उन्होंने बड़ी कोशिश की कि किसी ढंग से इस पर प्रधानमंत्री जी का अपयश हो सके. लेकिन यह लोग कुछ नहीं कर पाए.
'आम लोगों को नहीं कोई परेशानी'
नोटबंदी पर आम आदमी की परेशानी पर राहुल के आरोपों पर उमा भारती का कहना है कि जो नोटबंदी आम आदमी की परेशानी की बात कर रहे हैं वह दिखाएं कहां परेशान हैं. आम आदमी खुश है. कोई समस्या नहीं है उनको. इस देश में ढाई साल इमरजेंसी रही. संविधान में विशेष संशोधन किया गया. वह भी एक कुर्सी को बचाने के लिए किया गया था. वह भी इंदिरा जी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए किया था. ममता बनर्जी उस टाइम खुद कांग्रेस में थी. ढाई साल जो देश में हुआ वह दुनिया की नजर में भारत का सबसे बड़ा आजादी के बाद कलंक का अध्याय है.
माया, ममता पर भी बोला हमला
उमा भारती ने ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा. उमा भारती ने कहा कि ममता बनर्जी जैसे लोगों को इस संबंध में एक भी शब्द बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. मायावती के अमित शाह और मोदी पर आरोपों पर उमा भारती का कहना है कि मायावती को इस में दलित कार्ड की आड़ नहीं लेनी चाहिए. उनको स्पष्टीकरण देना चाहिए. स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. अगर स्पष्टीकरण दे पाएंगे तो ठीक है वरना अपराधी मान ली जाएंगी. मैं रिक्वेस्ट करूंगी मीडिया से और देश के लोगों से कि भारत में भ्रष्टाचार हमेशा या तो कम्युनिलिज्म वर्सेस सेकुलरिज्म की आड़ में छुपाया गया या दलित कार्ड की आड़ में छुपाया गया. लेकिन अब यह आड़ नहीं मिल सकती.