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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को राजनाथ सिंह पर निशाना साधा और कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि पाकिस्तान धर्म के आधार पर भारत को बांटने का प्रयास कर रहा है लेकिन गृह मंत्री तथा उनके बॉस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वही कर रहे हैं. इसके पहले गृह मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान धार्मिक आधार पर भारत को बांटने की साजिश कर रहा है.
राजनाथ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताते हुए राहुल ने ट्वीट किया, हां, राजनाथ सिंहजी पाकिस्तान भारत को धार्मिक आधार पर बांटने का प्रयास कर रहा है, क्या आपने यह ध्यान दिया है कि आप और आपके बॉस भी वही कर रहे हैं? गृह मंत्री सिंह ने कठुआ जिले में शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, पाकिस्तान भारत को धार्मिक आधार पर बांटने का षड्यंत्र रच रहा है लेकिन वह सफल नहीं होगा. हमें 1947 में धार्मिक आधार पर बांटा गया था. हम उसे भूल नहीं पाए हैं. सभी भारतीय भाई हैं, चाहे वे हिंदू मां की कोख से पैदा हुए हों या मुस्लिम मां की कोख से.
बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह देश को धार्मिक आधार पर बांट रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी ने कहा कि वह ध्यान आकृष्ट करने के विकार से पीड़ित हैं.
राहुल टीआरपी के लिए ऐसा करते हैं: बीजेपी
बीजेपी के सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल ध्यान आकृष्ट करने के विकार से पीड़ित हैं. यह एक शर्मनाक बयान है. वह अच्छी टीआरपी के लिए ऐसा करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा देश और विश्व समुदाय आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ है, राहुल की टिप्पणी इस्लामाबाद में सत्तारूढ लोगों को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर कोई अन्य पार्टी धार्मिक आधार पर देश को बांटना नहीं जानती. 1984 के सिख विरोधी दंगे इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है. हम कहते हैं कि पहला हक गरीबों का है, यह अंतर है.
पाकिस्तान फिर टूटेगा: राजनाथ
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान को हमने 1971 में तोड़ा था, एक बार फिर पाकिस्तान टूटेगा. इस बार हम नहीं वो खुद ही टूट जाएगा. हमने पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, हमारे प्रधानमंत्री वहां दोस्ती का हाथ बढ़ाने गए थे लेकिन उन्होंने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया. राजनाथ ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ (पाकिस्तानी पीएम) को नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. हमने उन्हें यहां हाथ मिलाने को नहीं बल्कि अच्छे रिश्तों में सुधार के वास्ते बुलाया. लेकिन उन्होंने हमें गुरदासपुर और पठानकोट दिया. जब हम आतंकावाद के खिलाफ बात करते हैं तो पाकिस्तान क्यों नहीं करता?'