
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में राफेल पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर यह सरकार इस डील के मामले में सच्ची है तो फिर आखिर क्यों इस पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा जांच से डर रही है? राहुल गांधी ने कहा कि मामले की जेपीसी जांच होनी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की जांच उनके दायरे में नहीं है और कोर्ट ने डील की जेपीसी जांच से इनकार नहीं किया है.
राहुल ने कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उंगली उठा रहा है. उन्होंने कहा, 'पूर्व रक्षा मंत्री ने सबके सामने बोला कि राफेल की फाइलें मेरे पास पड़ी हुई हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री की ओर से भी राफेल की फाइलों में दखल दिया गया है, यह बात रक्षा मंत्रालय की ओर से कही गई है. उन्होंने कहा कि अगर पुराने करार के मुताबिक राफेल डील होती तो HAL में हवाई जहाज बनते और लाखों युवाओं को रोजगार मिलता लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने एक दोस्त को यह डील दे दी.'
सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की थी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि राफेल की कीमत से जुड़े ब्योरों की जांच उसके दायरे में नहीं है. सीजेआई ने कहा, 'हम इससे संतुष्ट हैं और निर्णय प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई औचित्य नहीं है. इसमें वित्तीय लाभ का कोई मामला नहीं है.'
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दल इस मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग करने लगे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसला आने के बाद कहा था, 'कांग्रेस पार्टी जो कई महीनों से कहती आई है, शीर्ष न्यायालय के आज के फैसले ने उसे सही ठहराया है.'
राहुल गांधी ने लोकसभा में सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने यूपीए की डील को क्यों बदला? क्या वायु सेना की ओर से इसकी मांग की गई थी? उन्होंने कहा कि डील की कीमत बढ़कर तीन गुना कैसे हो गई? साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्यों HAL को ऑफसेट पार्टनर नहीं बनाया गया और क्यों प्रधानमंत्री के दोस्त की कंपनी को डील का पार्टनर बनाया गया?