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राहुल ने जीडीपी को बताया 'सकल विभाजनकारी राजनीति', पीएम मोदी-जटेली को भी घेरा

दरअसल, जीएसटी की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

आगामी वित्त वर्ष (2017-18) में देश की जीडीपी में गिरावट के संभावित अनुमान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को निशाने पर लिया है. राहुल गांधी ने आर्थिक आंकड़ों के साथ एक ट्वीट किया और जीडीपी को नया नाम दिया. 

शनिवार सुबह किए गए इस ट्वीट में राहुल ने आर्थिक आकंड़ों के साथ लिखा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली और पीएम मोदी की ग्रॉस डिवाइसिव पॉलिटिक्स वाली जीनियस जोड़ी देश को कहां ले जा रही है. 

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इस तंज के साथ राहुल ने मौजूदा आर्थिक हालात के मद्देनजर कुछ आंकड़ें भी पेश किए हैं. ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि नया निवेश पिछले 13 सालों में निम्नतम स्तर पर है. साथ ही बैंक क्रेडिड ग्रोथ 63 साल के निचले स्तर पर है. रोजगार सृजन पिछले 8 सालों में सबसे कम रहा है. राहुल ने ये भी दावा किया कि राजकोषीय घाटा पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है.

जीडीपी 6.5% रहने का अनुमान

बता दें कि देश की जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है. जीएसटी लागू होने की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह अनुमान लगाया है.

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पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी. 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी. नरेंद्र मोदी सरकार ने मई, 2014 में कार्यभार संभाला था.

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