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EXCLUSIVE: युवा नेताओं से बोले राहुल- टिकट आपको मिलेगा, लेकिन सीनियर नेताओं को भी आप ही साधेंगे

थ कांग्रेस के नेताओं ने राहुल से साफ कहा कि सीनियर नेता यूथ नेताओं को जगह देने को राजी नहीं हैं. इस पर राहुल ने कहा कि टिकट यूथ को मिलेगा लेकिन सीनियर नेताओं को साधना भी आपकी जि‍म्मेदारी है.

रोहित गुप्ता/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली ,
  • 26 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

सीनियर और यूथ कांग्रेस के नेताओं के बीच तालमेल बनाना काग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. मीडिया से छुप-छुपाकर दिल्ली के 100 यूथ कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात में राहुल ने दो टूक कहा, 'मैं आने वाले वक्त में दिल्ली नगर निगम और विधानसभा चुनाव में युवाओं को टिकट बंटवारे में तरजीह दूंगा, लेकिन सीनियर और यूथ के बीच तालमेल न होना कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है.'

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राहुल बोले- इस मुलाकात के बारे में मीडिया को न बताएं
सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने बैठक में साफ कहा कि ये कांग्रेस के भीतर की मुलाकात है, इस पर मीडिया से चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है. यूथ कांग्रेस के नेताओं ने राहुल से साफ कहा कि सीनियर नेता यूथ नेताओं को जगह देने को राजी नहीं हैं. इस पर राहुल ने कहा कि टिकट यूथ को मिलेगा लेकिन सीनियर नेताओं को साधना भी आपकी जि‍म्मेदारी है.

युवा नेताओं की श‍िकायत - सीनियर हमें उभरने नहीं देते
कांग्रेस के अंदर और बाहर संदेश जा रहा है कि सीनियर नेता सोनिया गांधी के साथ तो हैं, लेकिन राहुल की रणनीति से खुश है. इसी बात से राहुल गांधी चिंतित हैं. इस संदेश को मिटाने के लिए लिए राहुल लगातार इसी कोशिश में हैं कि यूथ और सीनियर के बीच तालमेल कैसे बनाया जाए. हालांकि, यूथ कांग्रेस के नेताओं ने शिकायती लहजे में कहा कि सीनियर नेता हमको उभरने नहीं देते. इस बात पर राहुल ने जवाब दिया कि सीनियर का सहयोग लेना आपकी जिम्मेदारी है.

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तीन घंटे तक चली राहुल के घर बैठक
राहुल ने यूथ कांग्रेस के नेताओं को कहा, टिकट मैं आपको दूंगा तो सीनियर को गुडबुक में रखना आपको सीखना होगा.' राहुल के घर के बैठक शाम 4 से 7 बजे तक यानी तीन घंटे चली. इस पूरी बैठक के बाद ये साफ हो गया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष अपनी टीम को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन सीनियर नेताओं को नाराज करने की कीमत पर नहीं. शायद ये सियायत में बुरे वक्त की सीख हो. पर ये भी नजर आता है कि राहुल यूथ और सीनियर नेताओं के बीच तालमेल बनाने की चुनौती से जूझ रहे हैं, जो उनके लिए सबसे बड़ी सियासी चुनौती है.

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