
मेघालय की कोयला खदान में फंसे मजदूरों के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने करीब दो हफ्ते से कोयले की खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में दावा किया कि केंद्र सरकार ने बचाव कार्य के लिए जरूरी हाई प्रेशर पंप की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को इन मजदूरों की जान बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठाना चाहिए.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘पानी से भरी कोयले की खदान में पिछले दो हफ्ते से 15 मजदूर सांस लेने के लिए लड़ कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री बोगिबील पुल पर कैमरों के सामने पोज़ देते हुए अकड़कर चल रहे थे. उनकी सरकार ने बचाव के लिए हाई प्रेशर वाले पंपों की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया, प्रधानमंत्री जी, कृपया मजदूरों को बचाइए.’
इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, '11 दिनों से 15 खनिक मेघालय के जयंतिया हिल्स में मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं. पानी निकालने का काम तत्काल तेज किया जाना चाहिए, एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की ओर से देर से प्रतिक्रिया की गई, मैं खनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने खुद को राष्ट्र के साथ शामिल करता हूं.'
गौरतलब है कि करीब 15 खनिक 13 दिसंबर को एक कोयला खदान में फंस गए थे. कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मेघालय के जयंतिया हिल्स में कोयला खदान में पिछले कई दिनों से फंसे खनिकों को बचाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने देर से कदम उठाया.
कैसे हुआ हादसा
बीते 13 दिसंबर करीब 20 खदान मजदूर इस 370 फुट गहरी खदान में उतरे थे. खदान इतनी संकरी है कि एक बार में एक ही व्यक्ति नीचे उतर सकता है. स्थानीय लोगों के कहना है कि अनजाने में किसी एक मजदूर ने सुरंग की दीवार को तोड़ दिया जिसकी वजह से पास की नदी का पानी अंदर घुसने लगा. इसके बाद किसी तरह से 5 मजदूर बाहर निकलने में कामयाब रहे. हालांकि अब भी 13 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं.
मेघालय की इस रैट होल खदान में अवैध तरीके से खनन का काम किया जा रहा था जिसमें एक छोटे सी सुंरग के जरिए मजदूर अंदर उतरे थे. इस तरह की माइनिंग पर नेशनन ग्रीन ट्रिब्यूनल साल 2004 से ही पाबंदी लगा चुका है. राज्य सरकार ने इस हफ्ते रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया है क्योंकि उसके लिए हाई पावर पम्प की जरूरत है जो गड्ढे में से पानी को बाहर निकाल सके.