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कूड़ा बीनने वाले के बेटे को राहुल गांधी ने लिखा खत, ये है वजह

राहुल गांधी ने एमपी के देवास शहर में रहने वाले आशाराम नाम के युवक को खत लिखकर उसे एम्स (AIIMS) एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर करने पर बधाई दी है.

राहुल गांधी (फाइल वीडियो) राहुल गांधी (फाइल वीडियो)
परमीता शर्मा/रवीश पाल सिंह/हेमेंद्र शर्मा
  • भोपाल,
  • 22 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST

संसद में आंख मारने को लेकर भले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ रहा हो या फिर वो विरोधियों के निशाने पर हों लेकिन इन सबके बीच उनका एक दूसरा पहलू भी सामने आया है. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के एक युवक को खत लिखा है.

राहुल गांधी ने एमपी के देवास शहर में रहने वाले आशाराम नाम के युवक को खत लिखकर उसे एम्स (AIIMS) एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर करने पर बधाई दी है. आपको बता दें कि आशाराम चौधरी के पिता देवास के विजयागंज मंडी में ही पन्नी बीनने का काम करते हैं. इन सब चुनौतियों के बावजूद आशाराम चौधरी ने मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट के लिए जमकर मेहनत की और पहली ही बार में एम्स एंट्रेंस जैसी कठिन परीक्षा पास कर ली.

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आशाराम का दाखिला जोधपुर एम्स में हुआ है. एक छोटे से शहर में पन्नी बीनने वाले पिता के बेटे की सफलता की कहानी जब राहुल गांधी तक पहुंची तो उन्होंने आशाराम को खत लिखकर ना केवल बधाई दी बल्कि उससे कहा कि वो आगे चलकर और भी बच्चों को मेडिकल पेशा चुनने के लिए प्रेरित करें. राहल गांधी ने अपने खत में लिखा कि प्रिय आशाराम,  मैं आपको एम्स एंट्रेंस टेस्ट क्लीयर करने और अच्छी रैंक लाकर एम्स जोधपुर में एडमीशन के लिए बधाई देता हूं. मैं जानता हूं आपके सामने बहुत चुनौतियां थीं, इसके बावजूद आप ना केवल कामयाब हुए बल्कि अच्छी रैंकिंग भी लाए.

राहुल ने लिखा कि ये तुम्हारी निष्ठा और आपके हार्डवर्क की परीक्षा थी. मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई कि कैसे आपके गांव के डॉक्टर, आपके माता-पिता और एक संस्था ने आर्थिक मदद कर आपको प्रेरित किया. मुझे उम्मीद है कि एक दिन आप दूसरे बच्चों को भी डॉक्टर का पेशा चुनकर भारत के लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके अलावा राहुल गांधी ने खत में महात्मा गांधी का भी जिक्र किया है. राहुल गांधी ने आगे लिखा कि आपको देखकर मुझे महात्मा गांधी की याद आती है जो कहा करते थे ताकत शारीरिक बल से नहीं बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है.

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क्या है आशाराम की कहानी

मध्य प्रदेश के देवास नाम के छोटे से शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर विजयागंज मंडी में रहने वाले आशाराम चौधरी का नाम इन दिनों हर किसी की जुबान पर है. दरअसल, कचरा और पन्नी बीनने वाले के बेटे आशाराम ने एम्स एंट्रेंस एग्जाम में ऑल इंडिया 707 रैंक हासिल की है. इस प्रवेश परीक्षा में देशभर से लाखों छात्रों ने भाग लिया था. आशाराम का एम्स जोधपुर में दाखिला हो गया है जहां जल्द ही उनकी क्लास भी शुरू हो जाएगी.

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