
सांसदों को रेल यात्रा में कोई परेशानी ना हो, इसके लिए रेलवे ने देशभर में मौजूद 59 रेलवे डिविजन को निर्देश दिया है कि एक-एक नोडल ऑफिसर बनाएं जाएं. नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी कि वह इलाके के उन स्टेशनों की जानकारी रखें जहां सांसद आते-जाते हैं.
स्टेशन मास्टर या स्टेशन सुपरीटेंडेंट को सांसद और सांसद के परिवार के लोगों की पूरी जानकारी भी रखनी है और उनकी रेल यात्रा का भी ध्यान रखना है. उनके लिए कंफर्म टिकट की व्यवस्था भी करनी है. रेलवे बोर्ड से भेजे गए निर्देश के मुताबिक, स्टेशन पर सांसद को पूरा आराम मिले और उन्हें कोई तकलीफ ना हो इसका ख्याल रखना है.
यात्री कर रहे विरोध
सांसदों के लिए नोडल अफसर नियुक्त करने के रेलवे के फैसले को आम यात्री अनुचित मान रहे हैं. यात्री जय प्रकाश वर्मा का कहना है कि आम आदमी से हवाई यात्रा के बराबर किराया वसूलने के बाद भी रेलवे सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहा, लेकिन सांसदों को अतिरिक्त सुविधा दे रहे. यह एकदम गलत है. उन्होंने कहा कि सांसदों को मुफ्त में यात्रा करने के लिए पास मिलते हैं.