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भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने के इरादे से भारतीय रेलवे ने बंसल ग्रुप के साथ समझौता किया है. रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में रेल मंत्री सुरेश प्रभु की उपस्थिति में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आधुनिकीकरण के लिए भारतीय रेल स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) और बंसल ग्रुप के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
450 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान
हबीबगंज स्टेशन फिर से विकसित होने वाला पहला स्टेशन होगा. यह स्टेशन रेल मंत्रालय द्वारा आईआरएसडीसी को सौंपे गए 8 स्टेशनों में से एक है. खास बात ये है कि बंसल ग्रुप 450 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को रिडेवलप करेगा और इसमें रेलवे स्टेशन के यात्रियों वाले हिस्से की लागत 100 करोड़ रुपये रहेगी और कमर्शियल लैंड को 350 करोड़ रुपये विकसित करेगी.
रेलमंत्री ने समझौते को बताया ऐतिहासिक
समझौते के मुताबिक बंसल ग्रुप को कमर्शियल स्पेस की लीज 45 साल के लिए मिली है. इससे अर्जित आय से बंसल ग्रुप को खासी कमाई की उम्मीद है. रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने इस अवसर पर कहा कि रेलवे के लिए ऐतिहासिक घड़ी है और यह समझौता रेल अधिकारियों के परिश्रम का परिणाम है. उन्होंने कहा कि रेलवे को राजस्व की वास्तविक आवश्यकता है, क्योंकि यात्री किराये और मालभाड़े से मिलने वाला राजस्व पर्याप्त नहीं है.
रेलवे की आर्थिक स्थिति सुधारने पर जोर
उन्होंने कहा कि इस समझौते से रेलवे की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, क्योंकि आधुनिक बनाए गए स्टेशन पर वाणिज्यिक जगह उपलब्ध होगी और इससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों के सहयोग से सूरत, गांधी नगर (गुजरात) और बिजवासन तथा आनंद विहार (दिल्ली) जैसे कई और स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया जाना है. उन्होंने
कहा कि नई छवि के रेलवे स्टेशन पर देश के नागरिक गर्व करेंगे और इससे रेलवे को राजस्व मिलेगा.
यात्रियों को हाईटेक सुविधा देने पर काम
इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री और संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने कहा कि रेलवे एक ऐसा संगठन है जिसे यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए पहले कमाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि स्टेशन पुनर्विकास का काम यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यात्री विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि टिकट कटाने से लेकर गंतव्य स्टेशन से बाहर निकलने तक विकास का कार्य करना है. रेलवे की अगले कुछ महीनों में इस तरह के 20-30 समझौते करने की योजना
है.