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EXCLUSIVE: बायोमेट्रिक सिस्टम के बावजूद लेटलतीफी से परेशान रेल मंत्रालय

अपने कर्मचारियों को समय का पाबंद बनाने के लिए अब मंत्रालय नेएक ऑफिस ऑर्डर जारी किया है. आजतक के पास इस ऑर्डर की एक्सक्लूसिव कॉपी मौजूद है. इस ऑर्डर में कर्मचारियों को याद दिलाया गया है कि उन्हेंक्यों और कैसे इस अटेंडेंस सिस्टम का इस्तेमाल करना है. 

लेटलतीफ कर्मचारियों पर शिकंजा कसेगा रेल मंत्रालय लेटलतीफ कर्मचारियों पर शिकंजा कसेगा रेल मंत्रालय
सिद्धार्थ तिवारी
  • दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

भारतीय रेल की तरह रेलवे कर्मचारी भी लेटलतीफी का शिकार हैं. बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन भी इस आदत को तोड़ पाने में बेअसर साबित हो रही है. रेल मंत्रालय ने राजधानी दिल्ली में मौजूद रेलवे बोर्ड के ऑफिस में ये मशीन लगवाई थी लेकिन ज्यादातर कर्मचारी इसका इस्तेमाल ही नहीं करते.

मंत्रालय का आदेश
अपने कर्मचारियों को समय का पाबंद बनाने के लिए अब मंत्रालय ने एक ऑफिस ऑर्डर जारी किया है. आजतक के पास इस ऑर्डर की एक्सक्लूसिव कॉपी मौजूद है.

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इस ऑर्डर में कर्मचारियों को याद दिलाया गया है कि उन्हें क्यों और कैसे इस अटेंडेंस सिस्टम का इस्तेमाल करना है.

होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
ऑफिस ऑर्डर में बायोमेट्रिक सिस्टम के घटते इस्तेमाल का जिक्र किया गया है. रेल मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि बॉयोमेट्रिक सिस्टम के तहत कर्मचारियों के लिए ऑफिस आते वक्त और यहां से जाते वक्त अपनी उपस्थिति दर्ज कराना निहायत जरूरी है।

ऑर्डर के मुताबिक रेल मंत्रालय अब ऐसे मामलों में अटेंडेंस रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा.

अधिकारी रखेंगे निगरानी
रेल मंत्रालय के फैसले के मुताबिक ऐसी जगहों पर जहां बायोमेट्रिक सिस्टम नहीं है, वहां अटेंडेंस का लेखा-जोखा ब्रांच लेवल पर सेक्शन ऑफिसर या डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी को रखना होगा.

कर्मचारियों को ऐसे दफ्तरों में रजिस्टर पर अपनी अटेंडेंस नियमित तौर पर दर्ज करवानी होगी. रजिस्टर के रिकॉर्ड को वेबसाइट “indianrailways.attendance.gov.in” पर अपलोड करके रेल मंत्रालय तक पहुंचाया जाएगा. अटेंटेंस का रिकॉर्ड रोजाना अपडेट किया जाएगा और हर 15 दिन में ब्रांच ऑफिस की अटेंडेंस रिपोर्ट को संबंधित एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लेवल के अफसर को भेजा जाएगा.

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रेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि हर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर या डायरेक्टर लेवल के ऑफिसर को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके मातहत विभाग हर पखवाड़े में अपनी अटेंडेंस रिपोर्ट भेज रहे हैं या नहीं.

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