Advertisement

नपे कानपुर ट्रेन हादसे के कसूरवार, 5 अधिकारी सस्पेंड

रेल शिविर में रेलवे के सभी बड़े अफसर मौजूद थे. इनमें झांसी डिवीजन के डीआरएम एस के अग्रवाल भी शामिल थे. हादसे की खबर पाते ही डीआरएम एस के अग्रवाल रेल शिविर छोड़कर घटनास्थल के लिए रवाना हो गए.

ट्रेन हादसा ट्रेन हादसा
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:35 AM IST

एक जमाना था जब कभी रेल हादसे के बाद रेल मंत्री नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया करते थे, लेकिन अब समय बदल गया है. पुखरायां में हुए भीषण रेल हादसे के लिए रेलवे ने पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया है और झांसी डिवीजन के डीआरएम का तबादला कर दिया है.

खास बात यह है कि जिस दिन पुखरायां में इंदौर पटना एक्सप्रेस पटरी से उतरी, उस दिन यानी 20 नवंबर को राजधानी दिल्ली के पास सूरजकुंड में एक आलीशान होटल में रेलवे के सभी बड़े अधिकारी मंत्रियों के साथ रेल शिविर में हिस्सा ले रहे थे. हादसे की खबर आई लेकिन रेल शिविर बदस्तूर चलता रहा. तड़के 3:10 पर रेल हादसा हुआ था और 9:00 बजे तक यह साफ हो चुका था कि यह रेल हादसा काफी भयानक है और इसमें बहुत से लोगों की जान चली गई है. इसको देखते हुए आनन-फानन में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को दुर्घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया. उधर रेल हादसे में लोग दर्द से बिलख रहे थे और इधर सूरजकुंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रेल शिविर में पहुंच चुके थे.

Advertisement

रेल शिविर में रेलवे के सभी बड़े अफसर मौजूद थे. इनमें झांसी डिवीजन के डीआरएम एस के अग्रवाल भी शामिल थे. हादसे की खबर पाते ही डीआरएम एस के अग्रवाल रेल शिविर छोड़कर घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. प्रधानमंत्री के जाने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु शाम को 3:00 बजे के बाद रेल हादसे वाली जगह के लिए दिल्ली से रवाना हुए. इस दुर्घटना में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग मारे गए हों उसके लिए इस तरह का बर्ताव शायद अपेक्षित नहीं था. लेकिन ऐसा ही हुआ.

जांच से पहले हुई कार्रवाई
इतने बड़े रेल हादसे में ना तो रेलमंत्री की जिम्मेदारी बनती है, न ही रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी बनती है और ना ही रेलवे बोर्ड के किसी मेंबर की जिम्मेदारी. 4 साल पहले सेफ्टी के मामलों में बनी काकोडकर समिति की आईसीएफ कोच हटाकर एलएचबी को चलाने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर थी वह इस हादसे के लिए जिम्मेदार कैसे हो सकते हैं? शायद यही वजह है की जांच पूरी होने से पहले ही पुखरायां रेल हादसे के मामले में रेलवे ने झांसी डिवीजन के पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा झांसी डिवीजन के डीआरएम एस के अग्रवाल का ट्रांसफर रांची डिविजन में कर दिया गया है. लंबे अरसे के बाद यह पहला मौका है, जब रेल हादसे की जांच के परिणाम आने से पहले उत्तरदायी आला अफसरों पर कार्रवाई की गई है. रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है कि इससे जहां एक तरफ रेल कर्मचारियों में यह मैसेज जाएगा कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ पब्लिक में यह भरोसा बनेगा कि सरकार किसी भी दोषी को बख्शने नहीं जा रही है.

Advertisement

उत्तरदायी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
पुखरायां के पास हुए भीषण रेल हादसे की गाज जिन अफसरों पर गिरी है वह उत्तर मध्य रेलवे यानी एनसीआर के झांसी डिवीजन के है. जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर-कैरिज एंड वैगन नावेद तालिब, डिवीजनल इंजीनियर-लाइन एमके मिश्रा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर परमानेंट-वे, पुखरायां ईश्वर दास, सीनियर सेक्शन इंजीनियर-कैरिज एंड वैगन, परमानेंट-वे अंबिका प्रसाद ओझा और जूही के सीनियर सेक्शन इंजीनियर परमानेंट वे सुशील कुमार गुप्ता के नाम शामिल हैं. पुखरायां रेल हादसे की गंभीरता को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि रेलवे इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.

हादसे की जांच शुरू
उधर दूसरी तरफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की अगुवाई में रेल हादसे की जांच का काम भी शुरू हो गया है. रेलवे ने एक विज्ञापन देकर इस घटना से जुड़े सभी लोगों से जानकारी देने का अनुरोध किया है. झांसी डिवीजन में रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों से इस मामले में पूछताछ की जा रही है. दुर्घटना के वक्त गाड़ी के इंजन में मौजूद उपकरणों के जरिए यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिरकार उस दिन क्या हुआ था. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक यह कहां जा रहा है की दुर्घटना के वक्त ट्रेन की रफ्तार 107 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. लेकिन इस रफ्तार में ट्रेन काफी तेजी से रुकी. हादसे की जगह का जानकार मुआयना कर रहे हैं और वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं, जिससे दुर्घटना के सही-सही कारणों का पता लगाया जा सके.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement