
बारिश पिछले 2 दिनों से उत्तर भारत में कहर बरपा रही है. राजधानी दिल्ली में मूसलाधार बारिश के बाद सड़क पर पानी ही पानी भर गया. यमुना भी हाहाकारी होकर खतरे के निशान के करीब आ चुकी है और दिल्ली के निचले इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी बारिश आफत बनकर आई है. यहां पर बारिश, बाढ़ और आंधी से 27 लोगों की मौत हो चुकी है. आगरा में 5 और मैनपुरी में 4 लोगों की मौत हुई है.
आपको बता दें ये आंकड़े गुरुवार के हैं. सभी जिलाधिकारियों को 24 घंटे के भीतर एसडीआरएफ दिशानिर्देशों के अनुसार राहत का वितरण सुनिश्चित करने और राहत आयुक्त के कार्यालय को वापस रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली में बाढ़ का खतरा
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से महज 17 सेंटीमीटर ही नीचे है. हरियाणा के यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ गया है जो 48 घंटे में दिल्ली के निचले इलाके में बाढ़ ला सकता है. दिल्ली से सटे शहरों से कुदरत कुछ ज्यादा ही नाराज है. गाजियाबाद में जमीन धंसने से दहशत है तो नोएडा में इमारत गिरने से. उत्तराखंड और हिमाचल भी टूटते पहाड़ों और सैलाब के प्रहार से खौफ में हैं.
गाजियाबाद के वसुंधरा में जमीन 30 फीट नीचे धंस गई है जिससे करीब 80 फ्लैट को खाली करा लिया गया है. नोएडा में भी 3 मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई. गाजियाबाद के ही गोशाला फाटक से सटी रेलवे की दीवार बारिश का वार नहीं सह पाई. साइबर सिटी गुरुग्राम के भी कई हाईफाई सोसाइटी के बेसमेंट में बारिश का पानी अबतक भरा है.
उत्तराखंड-हिमाचल में बुरा हाल
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बारिश से बुरा हाल है. ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान पर है. उत्तराखंड का कमोबेश हर जिला कुदरत की मार झेल रहा है. रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के साथ कई लिंक सड़कमार्ग को भी बारिश और भूस्खलन की वजह से बंद कर दिया गया है.
हिमाचल प्रदेश में भी सोलन और सिरमौर जिले में आसमान से गिरी आफत की बूंदों ने कोहराम मचाया है. सोलन में पहाड़ दरकने से तबाही हुई है तो सिरमौर में गिरी नदी में फंसे 8 लोगों को बचाया गया है. परेशानी अभी बाकि है, क्योंकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए और बारिश का अलर्ट जारी किय़ा है.