
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारी और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शुक्रवार को कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो के सामने पेश हुए. सीबीआई के सामने उनकी पेशी करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाला के संबंध में हुई.
बता दें कि इससे पहले सीबीआई ने आईपीएस राजीव कुमार को भी समन भेजा था लेकिन उन्होंने अपने अवकाश का हवाला देते हुए सात दिनों की मोहलत देने के लिए एक पत्र लिखा था. उनसे आखिरी बार सीबीआई ने शिलॉन्ग में पूछताछ की थी.
12 जून को कोर्ट में अगली सुनवाई
शारदा चिट फंड घोटाले में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा लिया था. इसके बाद राजीव कुमार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी. इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया. अब मामले की सुनवाई 12 जून को होगी.
बता दें कि सीबीआई पश्चिम बंगाल में हुए शारदा चिटफंड घोटाला मामले में राजीव कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ करना चाहती है. सीबीआई कोलकाता स्थित राजीव कुमार के ठिकाने पर छापेमारी की कोशिश भी कर चुकी है लेकिन कोलकाता पुलिस ने इसके उलट सीबीआई टीम के अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया था.
कुछ देर बाद कोलकाता पुलिस को सीबीआई के अधिकारियों को छोड़ना पड़ा था. सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनीतिक रंग दिया गया और इसके खिलाफ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं. राजीव कुमार को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के बीच टकराव भी देखने को मिला.
हालांकि, बाद में राजीव कुमार को कोलकाता के कमिश्नर पद से हटा दिया गया था. इसके बाद उनको सीआईडी भेज दिया गया. लोकसभा चुनाव के दौरान जब राजीव कुमार के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत मिली, उनको सीआईडी के एडीजी पद से भी हटा दिया गया.