
राजीव गांधी हत्याकांड मामले के दोषी एस नलिनी ने मद्रास हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. इसमें दावा किया गया 2018 से उन्हें अवैध हिरासत में रखा गया है जबकि तमिलनाडु कैबिनेट ने मामले में सभी सात दोषियों की रिहाई के लिए राज्यपाल को सिफारिश भेजी थी.
इससे पहले उनके पति मुरुगन ने भी अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था कि उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है और अधिकारियों के जरिए परेशान किया गया है.
बता दें कि राजीव गांधी हत्या मामले में सात दोषी अब 28 साल से अधिक वक्त से जेल की सजा काट चुके हैं और रिहाई का अनुरोध कर रहे हैं.
रॉबर्ट पायस को मिली थी 30 दिन की पैरोल
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 7 दोषियों में से एक रॉबर्ट पायस को नवंबर में मद्रास उच्च न्यायालय ने 30 दिन की पैरोल दी थी. न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति आरएमटी टीका रमण की खंडपीठ ने पायस की याचिका पर यह आदेश दिया था.
पायस को 25 नवंबर से 24 दिसंबर तक के लिए सशर्त पैरोल मिली है. शर्तों में मीडिया, राजनीतिक दलों या जाने-माने लोगों से बातचीत करने पर पाबंदी लगाई गई है. साथ ही उसे हलफनामा भी देना होगा कि वह अच्छा आचरण रखेगा और लोक शांति को भंग नहीं करेगा.
सितंबर में पायस ने याचिका दाखिल की थी. याचिका में पायस ने कहा था कि वह 16 अगस्त 1991 से जेल में बंद है और 28 साल से ज्यादा की सजा काट चुका है.
जुलाई में कोर्ट ने एक अन्य दोषी नलिनी को एक महीने की पैरोल दी थी. नलिनी कने अपनी बेटी की शादी की तैयारी करने के लिए पैरोल की मांग की थी. बता दें कि 21 मई, 1991 को एक चुनाव रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी.