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71 की गलती मत दोहराना, नहीं तो PoK का क्या होगा समझ लेना: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान के वजूद को हम स्वीकार करते हैं, तो यह नहीं मान लेना चाहिए कि पीओके का भी हम वजूद स्वीकारते हैं. हम पीओके के वजूद को नहीं मानते क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:26 AM IST

  • जयपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताया
  • रक्षा मंत्री ने कहा, हमारी पार्टी ने 370, 35ए खत्म कर दिखाया
  • राजनाथ ने कहा, हमने आतंकियों पर हमला किया, पाक पर नहीं

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103वीं जयंती के अवसर पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि 71 की गलती मत दोहराना, नहीं तो पीओके का क्या होगा, यह अच्छी तरह से समझ लेना.

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राजनाथ सिंह ने कहा, 'पंडित जी ने ही कहा था अनुच्छेद 370 खत्म होना चाहिए. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी कहा था और इसी के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया था. हम अपने घोषणापत्र में लिखते थे कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम 370 खत्म करेंगे, 35A खत्म करेंगे. हम चुनाव हारना पसंद करेंगे पर आप को धोखा देना किसी भी सूरत में पसंद नहीं करेंगे क्योंकि हम राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नहीं करते हैं. हम राजनीति करते हैं तो देश बनाने के लिए करते हैं और हमने अनुच्छेद 370, 35A को खत्म करके दिखा दिया कि भारतीय जनता पार्टी देश की  ऐसी पार्टी है जिसकी सरकार चल रही है. उसकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं हो सकता है, यह दिखा दिया हमलोगों ने.'

पाक की संप्रभुता पर नहीं किया हमला

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रक्षा मंत्री ने कहा, 'पड़ोसी देश को यह हजम नहीं हो रहा. बहनों-भाइयों, यकीन रखना हजम हो के रहेगा. 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, पाकिस्तान और बांग्लादेश बन गया था. 71 की गलती मत दोहराना, नहीं तो पीओके का क्या होगा, यह अच्छी तरह से समझ लेना. उन्होंने कहा, आतंकवाद से भारत को तोड़ने की कोशिश होती रही है लेकिन भारत ने बालाकोट पर हमला करने के बावजूद पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला नहीं किया.

कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, भाइयों-बहनों देख लो, हमने कितनी सावधानी बरती कि जिस समय पाकिस्तान के आतंकवादियों ने हमारे 40-41 सीआरपीएफ जवानों की हत्या की, उस वक्त हमें आतंकवादियों के ठिकाने पर हमला करना था, हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया.

बालाकोट में जहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था, केवल वही जाकर हमला किया. हमने पाकिस्तान की सेना पर भी हमला नहीं किया. इतनी सावधानी हमने बरती. यानी हमने पाकिस्तान की संप्रभुता को भी कोई चुनौती नहीं दी. किस हद तक हमने सावधानी बरती लेकिन आगे अगर ऐसे ही चलता रहा तो कुछ कहा नहीं जा सकता.

पीओके का वजूद नहीं मानते

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में भारत-पाकिस्तान बंटवारे का भी हवाला दिया और कहा, मैं कहना चाहता हूं कि भारत का मुस्लिम भाई भी उस समय बड़ी संख्या में नहीं चाहता था कि भारत के दो टुकड़े हों. कुछ नेता ऐसे थे जिन्होंने भारत के दो टुकड़े करवा दिए और आपने देखा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाने के बाद भी यहां के मुस्लिम संगठनों ने इसका स्वागत किया है.

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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर बोलते हुए कहा कि उसके वजूद को स्वीकार करने का मतलब यह नहीं है कि हम पीओके का वजूद भी स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, पाकिस्तान के वजूद को हम स्वीकार करते हैं, तो यह नहीं मान लेना चाहिए कि पीओके का भी हम वजूद स्वीकारते हैं. हम पीओके के वजूद को नहीं मानते क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है. इसलिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज भी पीओके के लिए 24 सीटें खाली रखी गई हैं.

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