
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय में ऐसे कई प्रपोज़ल हैं जिससे मंत्री दूर रहते हैं, लेकिन मैं इन बातों में विश्वास नहीं रखता हूं. उन्होंने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्री में योगदान बढ़ाने के लिए मैं प्राइवेट सेक्टर को खुले तौर पर न्योता देता हूं.
रक्षा मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार का टारगेट है कि भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को 2025 तक 26 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंचाया जाए. इसके लिए हम किसी भी तरह के नए आइडिया को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.
गौरतलब है कि राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्री बनने से पहले मोदी सरकार में कई रक्षा मंत्री बदल चुके हैं. पिछले पांच साल में पहले अरुण जेटली के पास ये कार्यभार रहा, फिर मनोहर पर्रिकर और बाद में निर्मला सीतारमण भी रक्षा मंत्री रहीं. इस दौरान राफेल सौदे पर काफी विवाद हुआ था, विपक्ष ने मोदी सरकार पर इस डील में अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.
राजनाथ सिंह जल्द ही फ्रांस के लिए रवाना होंगे, जहां पर उन्हें 8 अक्टूबर को राफेल लड़ाकू विमान को रिसीव करना है. राजनाथ सिंह फ्रांस में राफेल विमान में उड़ान भी भर सकते हैं, इससे पहले वह तेजस विमान भी उड़ा चुके हैं. दशहरे के दिन भारत को फ्रांस की ओर से राफेल विमान सौंपा जाएगा.
9 अक्टूबर को ही रक्षा मंत्री वरिष्ठ वायु सेना अधिकारियों के साथ पेरिस भी जाएंगे. उनके साथ वाइस चीफ ऑफ एयर स्टॉफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा भी होंगे. भारत को मिलने जा रहे इन विमानों में कई भारतीय उपकरण भी लगाए गए हैं.