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गुलाम नबी आजाद बोले- राजनाथ का कश्मीर जाना अच्छा है, लेकिन सरकार ने इतनी देर क्यों की?

आजाद ने अभिनेत्री राम्या के पाकिस्तान पर दिए बयान पर उनका बचाव भी किया. आजाद बोले, 'राम्या ने ठीक कहा है कि दोनों देशों की आवाम मोहब्बत चाहती है, लेकिन पाकिस्तान की सरकार, आईएसआई और उसकी आर्मी की नीतियां गलत हैं.

गुलाम नबी आजाद गुलाम नबी आजाद
कुमार विक्रांत/रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे से ठीक पहले आज तक से खास बातचीत की. आजाद ने अभिनेत्री राम्या के पाकिस्तान पर दिए बयान पर उनका बचाव भी किया. आजाद बोले, 'राम्या ने ठीक कहा है कि दोनों देशों की आवाम मोहब्बत चाहती है, लेकिन पाकिस्तान की सरकार, आईएसआई और उसकी आर्मी की नीतियां गलत हैं. वैसे वाजपेयी जी भी 2003 में पाकिस्तान गए थे और वहां की आवाम की तारीफ की थी.'

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आजाद से बातचीत के मुख्य अंश...
गृह मंत्री राजनाथ अब खुद कश्मीर जा रहे हैं?
आजाद: राजनाथ सिंह अब जा रहे हैं, अच्छा है. लेकिन सरकार ने इतनी देर क्यों की, सवाल तो है. ये प्रक्रिया तो काफी पहले शुरू होनी चाहिए थी.

तो क्या सरकार ने कश्मीर समस्या के हल की तरफ कदम बढ़ाने में देरी की?
आजाद: बिल्कुल, हमने सरकार को बार-बार जगाया, संसद में जगाया, बाहर जगाया, तब जाकर सर्वदलीय बैठक हुई.ये सरकार तो बार-बार जागने पर भी जागने का नाम नहीं लेती, ये सोती हुई सरकार है. एक बार भी कश्मीर पर कैबिनेट की बैठक तक नहीं हुई.

पीएम मोदी तो इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत की बात कह रहे हैं?
आजाद: पीएम कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत की सिर्फ बात करते हैं, जमीन पर उसको नहीं करते, न ही वो नजर आता है. यही तो दिक्कत है. सिर्फ बोल देने भर से नहीं होता.

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आखिर परेशानी कितनी है?
आजाद: कश्मीर में 45 से ज्यादा दिन से कर्फ्यू लगा है. पेट्रोल नहीं पहुंच रहा. दिन के बाद अब 24 घंटे का कर्फ्यू है. परेशानी ही परेशानी है वहां. 70 लोगों की जानें चली गईं. हजारों घायल है. इस वक्त सबसे पहले हालात सामान्य करने की जरूरत है.

आपकी पार्टी तो इस वक्त भी पीएम और जेटली साहब के बयानों को विरोधाभासी बताकर हमलावर है?
आजाद: इस वक्त ऐसा क्यों हो रहा है सरकार में. सरकार की कोई साफ नीति नहीं है, अलग-अलग बयान आ रहे हैं. तो कांग्रेस क्या करे.

क्या हुर्रियत से बातचीत होनी चाहिए?
आजाद: हमारा कहना है कि बातचीत होनी चाहिए. किससे हो ये पीडीपी और बीजेपी तय करें. हम कहेंगे तो हमारा विरोध शुरू कर देंगे.

क्या कश्मीर पर कांग्रेस सरकार के साथ है?
आजाद: हम सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं. लेकिन सरकार गंभीरता से साफ नीति और नीयत के साथ आए, हम पूरा साथ देंगे. फिर हमसे राय मांगेगी तो वो भो हम जरूर देंगे.

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