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कश्मीर में बातचीत बहाल करेगी मोदी सरकार, पूर्व IB चीफ को सभी से वार्ता की छूट

केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है. केंद्र और राज्य सरकारें जम्मू कश्मीर के सभी पक्षों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है. सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर बातचीत शुरू करना चाहते हैं. पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा केंद्र की ओर से प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा कि दिनेश शर्मा सभी से बातचीत करेंगे.

आजतक आजतक
नंदलाल शर्मा/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • श्रीनगर ,
  • 23 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है. केंद्र और राज्य सरकारें जम्मू कश्मीर के सभी पक्षों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है. सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर बातचीत शुरू करना चाहते हैं. पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा केंद्र की ओर से प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा कि दिनेश शर्मा सभी से बातचीत करेंगे.

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उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों संजीदा हैं. इस समस्या के प्रति हमारी सरकार का रवैया प्रधानमंत्री के बयान से पता चलता है. राजनाथ ने कहा कि गृहमंत्री के तौर पर मैं लगातार राज्य के दौरे कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि दिनेश्वर शर्मा सभी पक्षों से बातचीत करेंगे और अपनी रिपोर्ट केंद्र और सरकार को देंगे.

गृहमंत्री ने कहा कि दिनेश्वर शर्मा को कैबिनेट सेक्रेटरी का स्टेटस होगा. दिनेश्वर शर्मा किससे बात करते हैं. इसके लिए उनके पास पूरी आजादी होगी. दिनेश्वर शर्मा लोगों की महत्वाकांक्षा को समझेंगे और उसी हिसाब से काम करेंगे. सरकार की तरफ से पूरी छूट है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जब यह सवाल किया गया कि क्या चीफ रिप्रजेंटेटिव हुर्रियत नेताओं से भी सीधी बातचीत करेंगे तो उन्होंने सीधे जवाब न देते हुए कहा कि दिनेश्वर शर्मा को इस बात की पूरी छूट होगी कि कश्मीर की समस्या को सुलझाने के लिए उन्हें किस से बात करनी है.

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बता दें कि घाटी में पिछले कुछ समय से ऑपरेशन ऑलआउट के जरिए सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की कमर तोड़ी है. उसके बाद से यह महसूस किया जा रहा था कि इसको एक राजनीतिक पहल के द्वारा आगे बढ़ाया जाए ताकि कश्मीर के उन तमाम लोगों को साथ लिया जा सके जो आतंक के दौरान आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाने से डर रहे थे और अब सरकार की पहल का साथ देने की तैयारी में हैं. यह पहल उसी की तरफ एक कदम माना जा रहा है.

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