
दुनिया भर में बढ़ते ISIS के खतरे और भारत पर छा रहे आंतकवाद की आशंकाओं के मसले पर केंद्रीय गृहमंत्री ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की. उनके सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी पहुंचे. तीन घंटे से ज्यादा चली बैठक में आतंक के खिलाफ लड़ाई में धर्मगुरुओं से मदद की अपील की गई. इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन IS ने भारत में भी दस्तक देना शुरू कर दिया है.
देश के युवाओं को नहीं बनने दिया जाए सॉफ्ट टार्गेट
हाल ही में खुलासा हुआ कि IS का गोवा, मुंबई और पुणे में विदेश और रक्षा मामलों के अहम संस्थानों को निशाना बनाने का प्लान था. महाराष्ट्र के एंटी-टेररिज्म स्क्वाड की गिरफ्त में आए आतंकी ने पूछताछ के दौरान ये खुलासा किया. जांच में सामने आया कि शफी अरमार उर्फ युसुफ ने IS में शामिल होने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन का साथ छोड़ दिया और भारत के युवकों को उससे जोड़ने में भूमिका निभाई. महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार समेत 15 राज्य सबसे अधिक प्रभावित हैं. यहां के युवा उनके सॉफ्ट टार्गेट में हैं.
किसी भी चुनौती का सामना करने की तैयारी
इसी तरह मोसुल मोर्चे भागे अपने ही जिन 20 आतंकियों को IS ने बेरहमी से मार दिया था, उनमें भी चार आतंकियों के भारतीय होने की आशंका थी. भारतीय युवाओं को बरगलाकर अपनी ओर करने की कोशिश और देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश में अब सबसे कुख्यात आतंकी आतंकी संगठन के शामिल होने की बात खुलकर सामने आ रही है. दो सप्ताह पहले ही एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर में 14 युवाओं को गिरफ्तार किया था. उन सब पर आरोप था कि देश के अहम जगहों पर हमलों करने के लिए वे लोग IS की तर्ज पर एक मॉड्यूल बना रहे थे. सुरक्षा एजेंसियां इनके नेटवर्क को तोडने में लगी है. इंटरनेट के कई साइट समेत सोशल मीडिया के हर हलचल पर नजर रखी जा रही है.
आंतरिक सुरक्षा के लिए मजबूत सामाजिक ढांचा जरूरी
इन्हीं सब सवालों पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि हम किसी भी खतरे से निपटने की क्षमता रखते हैं और सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकवादी संगठन की ओर से होने वाले किसी भी तरह के खतरे से निपटने में सक्षम हैं. हम इसका सामना करेंगे. देश में सांप्रदायिक और जातीय छोटे-मोटे संघर्षों को हवा देने की कोशिश और असहिष्णुता या आपस में भरोसे की कमी जैसे मसलों पर सिंह ने कहा था कि देश का सामाजिक ढांचा बहुत मजबूत है. सिंह इन सब मसलों पर भी देश भर के विभिन्न धर्मगुरुओं से मिल रहे हैं.