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राजनाथ की दो टूक- शरणार्थी नहीं हैं रोहिंग्या, भारत डिपोर्ट करे तो आपत्ति क्यों?

राजनाथ ने कहा कि यदि भारत रोहिंग्या को डिपोर्ट करता है तो उसपर लोगों को आपत्ति क्यों है. जबकि बर्मा उन्हें लेने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत ने यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन साइन नहीं किया है.

राजनाथ सिंह (फाइल फोटो) राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

रोहिंग्या मसले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि म्यांमार से आए ये रोहिंग्या रिफ्यूजी नहीं हैं. रोहिंग्या रिफ्यूजी के तौर पर भारत नहीं आए हैं. दिल्ली में NHRC के कार्यक्रम में गृहमंत्री बोले कि रोहिंग्या समुदाय के लोगों से भारत की सुरक्षा को खतरा है.

राजनाथ ने कहा कि यदि भारत रोहिंग्या को डिपोर्ट करता है तो उसपर लोगों को आपत्ति क्यों है. जबकि बर्मा उन्हें लेने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत ने यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन साइन नहीं किया है. राजनाथ ने कहा कि भारत के अंदर जो भी रिसोर्स है उस पर हर भारतीय का अधिकार है. दूसरों के मानवाधिकार की चिंता करने से पहले अपने मानवाधिकारों की बात करनी चाहिए.

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गृहमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार ने गुड गवर्नेंस की नीति अपनाई है, हम उस पर डटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पहले कोयला खदानों को लेकर पारदर्शिता नहीं थी, हमारी सरकार इसको लेकर पूरी तरह पारदर्शी है.

राजनाथ ने कहा कि आज जो लोग ह्यूमन राईट की बात करते हैं, वो एनिमल राइट की बात करते हैं, भारत युगों-युगों से इन सभी राईट को बात करता है. गृहमंत्री ने कहा कि भारत में ह्यूमन राईट शांति और कल्याण से निकले है, वही वेस्टर्न ह्यूमन राईट संघर्ष से निकले हैं.

जीएसटी पर राजनाथ बोले कि GST से कुछ समय के लिए लोगों को परेशानी हो सकती है पर आने वाले समय मे इसका फ़ायदा सबको होगा. 2022 तक देश के हर परिवार के पास अपना एक मकान हो जो गुड़ गवर्नेंस का ही पार्ट है.

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