Advertisement

कश्मीर घाटी में हर रोज मारे जा रहे हैं 5 से 6 आतंकीः राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृहमंत्री ने यहां एनआईए के नए मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कोशिशों के चलते जम्मू-कश्मीर में हर दिन पांच से छह आतंकी मारे जा रहे हैं. मैं सुरक्षा बलों की तारीफ करता हूं.’

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर रोज पांच से छह आतंकवादी सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजग सरकार आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है और जमीनी स्तर पर नतीजे दिख रहे हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री ने यहां एनआईए के नए मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कोशिशों के चलते जम्मू-कश्मीर में हर दिन पांच से छह आतंकी मारे जा रहे हैं. मैं सुरक्षा बलों की तारीफ करता हूं.’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि साल 2009 में संगठन की स्थापना के बाद से एनआईए को जांच के लिए कुल 166 मामले सौंपे जा चुके हैं.

Advertisement

शरद कुमार ने कहा कि इन मामलों में भारत के लिए प्रासंगिक आतंकवाद संबंधित चुनौतियों की पूरी श्रृंखला आती है. इसके जांच के दायरे में 26 राज्य और केन्द्र प्रशासित प्रदेश आए हैं. उन्होंने कहा कि 166 मामलों में से 63 मामले ‘जिहादी’ आतंकवाद, 25 पूर्वोत्तर की आतंकी घटनाओं, 41 आतंकवाद के वित्तपोषण व जाली मुद्रा, 13 वामपंथी उग्रवाद और बाकी 24 मामले विभिन्न आतंकवादी कार्रवाइयों से जुड़े हैं.

इससे पहले आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण कश्मीर में सेना के कमांडर ने कहा था कि कश्मीर में हथियारबंद आतंकियों की कमर टूट चुकी है और अब बहुत ज्यादा 'राजनीतिक दूरंदेशी' की जरूरत है, ताकि दशकों पुरानी अलगाववादी समस्या का स्थायी हल सुनिश्चित किया जा सके.

दक्षिण कश्मीर के पांच जिलों में उग्रवाद के खिलाफ अभियान चलाने वाली विक्टर फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल बीएस राजू ने कहा, 'अब ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां आतंकवादियों या अलगाववादियों का प्रभाव हो. उग्रवादी अब अपने बचाव में लगे हैं.' उन्होंने कहा कि उनका पूरा ध्यान अब इस बात पर है कि उग्रवादी संगठनों में अब और नई भर्तियां न हों और लोगों को इस बात का विश्वास दिलाया जाए कि सेना वहां उनकी मदद के लिए है.

Advertisement

उन्होंने बताया कि इस काम के लिए उनके सैनिकों ने स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं. श्रीनगर से 33 किलोमीटर के फासले पर अवंतीपुरा स्थित विक्टर फोर्स के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ राजू ने कहा, 'सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर लोग समाधान चाहते हैं. वह हिंसा के इस दुष्चक्र से निकलना चाहते हैं.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement