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राज्यसभा में 17 राज्यों की 55 सीटों पर चुनाव का ऐलान हो गया है. बीजेपी के हाथों से एक के बाद एक राज्य खिसकते जा रहे हैं. ऐसे में बीजेपी का लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत जुटाने का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है. समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में बीजेपी की ताकत जस की तस बनी रह सकती है जबकि कांग्रेस को कुछ सीटों का सियासी फायदा हो सकता है.
17 राज्यों की 55 सीटें पर चुनाव
राज्यसभा में 17 राज्यों की 55 सीटें सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में अलग-अलग तारीखों को पूरा हो रहा है, जिसके चलते रिक्त हो रही हैं. इन 55 सीटों में सबसे अधिक महाराष्ट्र (7), ओडिशा (4), तमिलनाडु (6) और पश्चिम बंगाल (5) की सीटें दो अप्रैल को खाली हो रही हैं. आंध्र प्रदेश (4), तेलंगाना (2), असम (3), बिहार (5), छत्तीसगढ़ (2), गुजरात (4), हरियाणा (2), हिमाचल प्रदेश (1), झारखंड (2), मध्य प्रदेश (3), मणिपुर (1) और राजस्थान (3) की सीटें 9 अप्रैल को खाली हो रही हैं. इसके अलावा मेघालय की एक सीट 12 अप्रैल को खाली हो रही है.
राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इनमें से एनडीए के घटक दलों में 15 बीजेपी के, तीन जेडीयू के और चार AIADMK के हैं. इनके अलावा बीजेडी के भी दो सदस्य भी हैं. वहीं, विपक्षी दलों में कांग्रेस के ही 13 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है और बाकी 18 सदस्य अन्य दलों के पास हैं.
राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सीटें चाहिए
बता दें कि फिलहाल बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और अन्य मित्रदलों की सदस्य संख्या राज्यसभा में 106 सदस्यों का आंकड़ा है. वहीं अकेली बीजेपी की 83 सदस्य हैं और कांग्रेस के पास 45 सदस्य हैं. 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की आवश्यकता होती है. समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 83 के आसपास बनी रहेगी और सदन में बहुमत की उसकी आस फिलहाल पूरी नहीं हो पाएगी.
इन राज्यों से कांग्रेस को फायदा तो बीजेपी को नुकसान
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस को राज्यसभा में अपनी कुछ सीटें बढ़ने की संभावना है. छत्तीसगढ़ की दो सीटें रिक्त हो रही हैं और दोनों कांग्रेस के खाते में जाने की संभावना है. मध्य प्रदेश में तीन सीटें हैं, जिनमें से अभी दो बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है, लेकिन बदल हुए समीकरण में कांग्रेस को एक सीट का फायदा हो सकता है और विधायकों की संख्या के आधार पर अब उसे दो सीटें मिल सकती है. ऐसे ही राजस्थान में तीन सीटों में से कांग्रेस को दो सीटें मिल सकती है, फिलहाल तीनों सीटें बीजेपी के पास हैं.
महाराष्ट्र में कांग्रेस और विपक्षी की स्थिति में मजबूती मिल सकती है तो बीजेपी को एक सीट के नुकसान की संभावना है. वहीं, झारखंड में भी दो सीटें और दोनों बीजेपी के पास हैं, लेकिन अब जेएमएम-कांग्रेस की स्थिति में मजबूत हुई है. हिमाचल प्रदेश की दो सीटें और ये दोनों सीटों कांग्रेस से छिटकर बीजेपी के खाते में जा सकती है. बिहार में भी बीजेपी को एक सीट गवांनी पड़ सकती है तो विपक्ष के महागठबंधन को फायदा मिल सकता है.
माकपा की सीट पर नजर
तमिलनाडु में कुल 6 सीटें रिक्त हो रही हैं, जिनमें AIADMK चार सीटों पर सभी की नजर है. डीएमके को एक सीट पर कब्जा बरकरार रखने का भरोसा है. ऐसे में दोनों दलों की नजर सीपीएम की रिक्त हो रही एक सीट (टी के रंगराजन) पर टिकी होगी.
आंध्र प्रदेश : वाईएसआर कांग्रेस का दावा मजबूत
आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस को अपनी रिक्त हो रही दो सीट और टीडीपी को एक सीट बचाने का संकट होगा. वहीं पिछले साल विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद इन सीटों पर सत्तारूढ़ दल का स्वाभाविक दावा होगा.
पश्चिम बंगाल : तृणमूल को भरोसा
पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस का बहुमत होने के कारण पार्टी को राज्यसभा में रिक्त हो रही अपनी चारों सीटें बरकरार रखने का भरोसा है जबकि रीताब्रता बनर्जी की सीट लेफ्ट और कांग्रेस मिलकर जीत दर्ज कर सकते हैं.
छोटे राज्यों पर भी फोकस
हरियाणा से खाली हो रही दोनों सीटों पर बीजेपी की नजर है. इनमें इनेलो के राम कुमार कश्यप पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बहुमत को देखते हुए बीजेपी, कांग्रेस की कुमारी सैलजा की रिक्त हो रही सीट कब्जाने की कोशिश करेगी. बीजेपी हिमाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम की रिक्त हो रही सीटों पर भी नजर रखे हुए है. इनमें हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस की सीट भाजपा के खाते में जाना तय है. वहीं, ओडिशा में बीजेडी अपनी सीटें बरकरार रखेगी.