Advertisement

उपराष्ट्रपति से मिलने पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, कई मुद्दों पर हुई बात

इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों ने देश में फैली कोरोना बीमारी और इस दौरान संसद सदस्यों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में चर्चा की. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच संसद की समितियों की बैठकें आयोजित करने को लेकर भी बातचीत हुई.

कोरोना को लेकर हुई चर्चा (फोटो: ANI) कोरोना को लेकर हुई चर्चा (फोटो: ANI)
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2020,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

  • संसदीय समितियों की बैठकों पर हुई दोनों के बीच चर्चा
  • कोरोना के दौरान सांसदों के काम को लेकर भी हुई बात

देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जारी है. अब लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है जो 17 मई तक जारी रहेगा. तीसरे चरण में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से कुछ सहूलियतें दी गई हैं लेकिन कोरोना को फैलने से रोकने के लिए तमाम पाबंदियां जस की तस ही हैं. इस बीच भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति निवास में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ एक बैठक की.

Advertisement

इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों ही लोगों ने देश में फैली कोरोना बीमारी और इस दौरान संसद सदस्यों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में चर्चा की. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच संसद की समितियों की बैठकें आयोजित करने को लेकर भी बातचीत हुई.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

बैठक के दौरान दोनों ही पीठासीन अधिकारियों ने संतोष के साथ कहा कि संसद सदस्य सक्रिय रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं. इसके अलावा कल्याणकारी उपायों की शुरुआत करने और सरकारों और सिविल सोशायटी द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न मानवीय प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सांसद उन लोगों के साथ हैं, जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, जब उन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है.

Advertisement

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

बैठक के दौरान नायडू और बिड़ला ने संसद की विभिन्न समितियों की व्यवहार्यता के मुद्दे पर भी चर्चा की. उन्होंने महसूस किया कि यदि स्थिति निकट भविष्य में समितियों की नियमित बैठकों की अनुमति नहीं देती है, तो ऐसी बैठकों को सक्षम करने के वैकल्पिक साधनों का चयन किया जा सकता है. इसीलिए उन्होंने दोनों सदनों के महासचिवों को निर्देश दिया है कि वे संसद के दोनों सदनों के वर्तमान नियमों, प्रथाओं और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बैठक कराने के फायदे और नुकसान की विस्तृत जांच करें.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement