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राज्यसभा उपसभापति चुनाव में इन दलों ने बिगाड़ दिया कांग्रेस का गेम

राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में एआईएडीएमके, बीजेडी और टीआरएस ने एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को समर्थन देकर कांग्रेस उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद की जीत का समीकरण बिगाड़ दिया है. जबकि एनडीए का खेमा पूरी मुस्तैदी के साथ एकजुट खड़ा था.

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कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:59 PM IST

राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए को जीत मिली है. एनडीए उम्मीदवार हरिवंश ने कांग्रेस के वीके हरिप्रसाद को हरा दिया. इस चुनाव में विपक्ष के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या बल था, लेकिन एआईएडीएमके, बीजेडी और टीआरएस के एनडीए के पक्ष में खड़े हो जाने से कांग्रेस के जीत का समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया.

बता दें कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में समाप्त हो गया था. सत्तापक्ष की तरफ से यानी एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर जेडीयू सांसद हरिवंश हैं. वही, विपक्ष की ओर से कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद मैदान में थे.

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245 सदस्यीय राज्यसभा में इस समय 244 सदस्य हैं जबकि 1 सीट खाली है. मौजूदा 244 सदस्यीय उच्च सदन में 232 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया. एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के पक्ष में 125 मत पड़े. जबकि 101 वोट उनके खिलाफ पड़े और दो सदस्यों ने वोटिंग से किनारा किया, जबकि 16 सदस्य गैरहाजिर रहे.

बता दें कि एनडीए और यूपीए दोनों के पास सदन में बहुमत से कम थी. ऐसे में उन दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई जो एनडीए और यूपीए में के किसी भी खेमे में नहीं है.  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोगी दलों को साधने के साथ-साथ विपक्ष के खेमे में भी सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की. एनडीए की तीन नेताओं की तिकड़ी ने उन दलों को अपने साथ मिलाया, जिन्हें कांग्रेस के साथ जाने में गुरेज था.

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पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक से बात करके उनका समर्थन हासिल कर लिया. बीजेडी के पास मौजूदा समय में 9 राज्यसभा सदस्य हैं. बीजेडी सदस्यों ने एनडीए के पक्ष में वोटिंग किया. इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा.

एआईएडीएमके के पास 13 सांसद हैं. एआईएडीएमके ने भी एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में वोट किया. डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि के निधन के कारण पार्टी के एक सांसद ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. ये कांग्रेस के लिए गहरा धक्का था.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी टीआरएस के पास 6 राज्यसभा सदस्य हैं. टीआरएस ने भी राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन किया. केसीआर के इस कदम से कांग्रेस का पूरी तरह से समीकरण गड़बड़ा गया.

विपक्ष के कई दलों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इनमें वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और पीडीपी के सदस्यों ने अपने को बाहर रखा था.

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