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जब मायूस होकर सांसदों ने पूछा- आखिर इस दर्द की दवा क्या है?

पार्टियां अनेक, लेकिन दर्द एक और वो ये कि न्यायपालिका संसद के परिसर में घुस रही है. सांसदों का अधिकार जज छीन रहे हैं. न्यायपालिका संसद के कामकाज में लगातार दखल देती जा रही है और सांसद बेबस नजर आ रहे है.

राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल यादव राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल यादव
स्‍वपनल सोनल/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:32 AM IST

शुक्रवार का दिन राज्यसभा के लिए खास था. खास इसलिए, क्योंकि राज्यसभा से रिटायर होने वाले 53 सांसदों के लिए यह विदाई का दिन था. विदाई वैसे भी भावनाओं में बहने का मौका होता है. ऐसे में सदन में जब सांसदों का दर्द जब छलका तो पता चला कि एक दर्द ऐसा है जो सभी पार्टियों के नेताओं को भीतर तक कचोट रहा है.

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जी हां, पार्टियां अनेक, लेकिन दर्द एक और वो ये कि न्यायपालिका संसद के परिसर में घुस रही है. सांसदों का अधिकार जज छीन रहे हैं. न्यायपालिका संसद के कामकाज में लगातार दखल देती जा रही है और सांसद बेबस नजर आ रहे है.

रामगोपाल यादव ने दखल पर जताई चिंता
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव न्यायपालिका के तेवर से खासे नाराज नजर आए. उन्होंने कहा, 'संविधान ने कानून बनाने की जिम्मेदारी हमें दी है. सबका काम बंटा हुआ है. ऐसे में न्यायपालिका का लगातार दखल देना बेहद चिंता की बात है. संसद को इस बारे में जल्द ही कुछ करना चाहिए.'

मायावती ने मिलाए सुर में सुर
आम तौर पर समाजवादी पार्टी और बीएसपी सदन में एक सुर में कभी नहीं बोलते, लेकिन न्यायपालिका के डंडे का कहर ऐसा कि शुक्रवार को मायावती भी रामगोपाल यादव की 'हां में हां' मिलाती दिखीं. मायावती ने कहा जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, यही होता रहेगा. समय आ गया है कि हम पार्टियों के बंधन से ऊपर उठकर इसका मुकाबला करें.

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जूडिशियल रिफॉर्म की बात
विदाई भाषण में अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा जाते-जाते भी न्यायपालिका पर भड़ास निकाल गए. उन्होंने कहा, 'सिर्फ बातें करते रहने से कुछ नहीं होगा. अब समय आ गया है कि जूडिशि‍यल रिफॉर्म पर फौरन काम शुरू किया जाए.'

जेटली ने फिर जाहिर किया दर्द
राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली दो दिन पहले ही नयायपालिका के आक्रामक तेवर की तीखे शब्दों में शिकायत कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका लगातार, हर रोज विधायिका को खत्म करने में लगी है. शुक्रवार को फिर इस मामले पर बोलते हुए जेटली ने कहा, 'अगर कानून बनाना और बजट तैयार करने का काम भी हमसे ले लिया जाए तो सांसदों के पास बच क्या जाएगा.'

15 दिनों में 69 घंटे हुआ काम
बीते कुछ सत्रों में राज्यसभा हंगामे की वजह से ही चर्चा में रही है. लेकिन सभापति हामिद अंसारी ने शुक्रवार को सदन अनिशिचित काल के लिए स्थगित करते हुए बताया कि इस सत्र में राज्यसभा में 12 बिल निपटाए गए और 15 दिनों में 69 घंटे कामकाज हुआ.

बता दें कि राज्यसभा में 57 सीटों के लिए 11 जून को चुनाव होंगे. नए सदस्यों के आने के बाद उम्मीद है कि राज्यसभा में सरकार की हालत कुछ बेहतर होगी. लेकिन फिर भी दबदबा विपक्ष का ही कायम रहेगा.

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