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अस्थाना को CBI निदेशक बनाने के खिलाफ याचिका SC में खारिज

केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अस्थाना का करियर बहुत अच्छा रहा है और उन्होंने कोयला घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, काला धन और धन शोधन के 40 से भी ज्यादा हाई प्रोफाइल मुकदमों की निगरानी की है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे की पीठ ने इस याचिका को खारिज किया. बता दें कि न्यायालय ने इस संबंध में 24 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अस्थाना का करियर बहुत अच्छा रहा है और उन्होंने कोयला घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, काला धन और धन शोधन के 40 से भी ज्यादा हाई प्रोफाइल मुकदमों की निगरानी की है.

याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने अस्थाना की नियुक्ति का विरोध करते हुए कहा था कि स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के कार्यालय और अन्य परिसरों पर छापेमारी के दौरान बरामद हुई एक डायरी में अस्थाना का नाम आया था, इसलिए उनकी नियुक्ति गैरकानूनी है.

हालांकि केंद्र की ओर से दावा किया है कि पहले से सीबीआई में अवर निदेशक के पद पर कार्यरत अस्थाना एजेंसी के 11 जोन की देखरेख कर रहे थे.

कैसा रहा अस्थाना का करियर?

अस्थाना ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में इतिहास पढ़ाना शुरू किया. 1984 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गए. उनको गुजरात कैडर मिला.

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अस्थाना को मूल रूप से लालू से पूछताछ के लिए ही जाना जाता है. 1997 को उन्होंने चारा घोटाले में लालू से 6 घंटे तक पूछताछ की थी. अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते पकड़ा था. उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का यह पहला मामला था, जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआई गिरफ्त में आये थे.

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