Advertisement

Ram Mandir Case: राजीव धवन ने उठाया सवाल तो जस्ट‍िस यूयू ललित ने केस से खुद को अलग किया

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 29 जनवरी तक के लिए टल गई है. गुरुवार सुबह इस मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बेंच में जस्ट‍िस यूयू ललित के शामिल होने पर सवाल उठाए.

अब बनेगी नई बेंच अब बनेगी नई बेंच
अनीषा माथुर/संजय शर्मा/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार सुबह सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बेंच में जस्ट‍िस उदय उमेश ललित के शामिल होने पर सवाल उठाए. इस पर जस्ट‍िस यूयू ललित ने संविधान बेंच से खुद को अलग कर लिया. अब इसके लिए नई बेंच बनेगी.

पांच जजों की पीठ ने गुरुवार को कहा कि वह आज मामले की सुनवाई नहीं करेगी बल्कि सिर्फ इसकी टाइमलाइन तय करेगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आज हम इस मसले पर सुनवाई नहीं करेंगे, बल्कि इसकी समय सीमा तय करेंगे. इस मामले की सुनवाई अब 29 जनवरी से होना तय किया गया है.

Advertisement
राजीव धवन ने कहा कि वह कोर्ट को यह बताना चाहते हैं कि इस मसले के शुरुआती दौर में 1994 में जस्ट‍िस यूयू ललित अदालत की अवमानना के एक मामले में कल्याण सिंह की तरफ से पेश हुए थे. राजीव धवन ने कहा कि जस्ट‍िस ललित अयोध्या विवाद से जुड़े क्रिमिनल केस में कल्याण सिंह के वकील के रूप में पेश हुए थे.

उन्होंने कहा, 'मैं लॉर्डशिप के सामने बस यह बात लाना चाहता हूं. हमें इस मसले की सुनवाई में कोई आपत्ति नहीं है. अब यह पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर है. मुझे खेद है कि और मैं ऐसा मसला उठाना नहीं चाहता था.'

इस पर सीजेआई ने कहा कि इसमें खेद जताने की क्या बात है, आपने तो बस तथ्य बताया है. हालांकि, यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि जस्टिस यूयू ललित के पीठ में शामिल होने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन इस तरह का मामला उठाने के बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस मसले से अलग कर लिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस बारे में जानकारी दी.

Advertisement

राजीव धवन ने इसके अलावा संविधान पीठ पर भी सवाल उठा दिया, उन्होंने कहा कि ये मामला पहले 3 जजों की पीठ के पास था लेकिन अचानक 5 जजों की पीठ के सामने मामला गया जिसको लेकर कोई न्यायिक आदेश जारी नहीं किया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ का गठन करना चीफ जस्टिस का अधिकार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement