Advertisement

एंटी मोदी कैंप में शामिल हुए राम जेठमलानी, ममता को बताया लेडी ऑफ बंगाल

प्रख्यात वकील और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी की ओर से बीजेपी में अपने 3 पूर्व सहयोगियों यशवंत सिन्हा, शत्रुधन सिन्हा और अरुण शौरी को पत्र भेजा गया है, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो ममता बनर्जी की अगुवाई में एंटी मोदी कैंप में शामिल हो गए हैं.

राम जेठमलानी (फाइल फोटो) राम जेठमलानी (फाइल फोटो)
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

भारतीय जनता पार्टी में शामिल 3 बड़े नेता जिन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लगातार बगावती तेवर अपना रखा है, को पत्र लिखकर राम जेठमलानी ने बताया कि उन्होंने वर्तमान बीजेपी शासन को खत्म करने का प्रण करने वाली ममता बनर्जी के साथ जुड़ने का फैसला ले लिया है.

इंडिया टुडे को प्रख्यात वकील और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी की ओर से बीजेपी में अपने 3 पूर्व सहयोगियों यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी को लिखा एक पत्र हासिल हुआ है, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो ममता बनर्जी की अगुवाई में एंटी मोदी कैंप में शामिल हो गए हैं.

Advertisement

12 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि वह 2 दिनों में बीजेपी के 2 नेताओं से मिले. उन्होंने पत्र में लिखा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों की मदद की थी, लेकिन उसे भुला दिया गया. हालांकि पत्र में जेठमलानी ने कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम करने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला बल्कि उन्होंने खुद ही उनके साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था.

जेठमलानी ने पत्र में लिखा, 'आई एम सॉरी, मैंने खुद को ममता बनर्जी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है और उन्होंने मेरे प्रस्ताव का खूबसूरती से जवाब दिया, साथ ही कहा कि वह वर्तमान बीजेपी शासन को खत्म करके रहेंगी.'

2013 में हुआ निष्कासन

राम जेठमलानी को अनुशासनहीनता के आरोप में 2013 में 6 साल के लिए भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को दूसरी बार अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल खड़ा कर दिया था और उन्हें खुद को बेदाग साबित करने को कहा. इसके बाद जेठमलानी ने बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान खुद के निलंबन पर स्पष्टीकरण मांगा था.

Advertisement

90 से ज्यादा वसंत देख चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री जेठमलानी ने अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें कोर्ट मामले में फंसाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे उनके पार्टी से निष्कासन पर कुछ नहीं बोल सके जिसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में केस कर रखा है.

'जेटली को नहीं चाहते मोदी, लेकिन छुटकारा पाने का साहस नहीं'

उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाया कि यह ही वो शख्स है, जिनके कारण उन्हें पार्टी से निकाला गया. जेठमलानी ने उन्हें 'धूर्त' करार दिया. उन्होंने पत्र में लिखा कि मोदी और शाह ने उनका जमकर इस्तेमाल किया. हालांकि उन्होंने मोदी का यह कहते हुए बचाव किया कि वो जेटली को बहुत ज्यादा नहीं चाहते, लेकिन उनसे छुटकारा पाने का साहस उनमें नहीं है.

जेठमलानी ने 3 पेज के अपने पत्र का समापन ममता बनर्जी को लेडी ऑफ बंगाल कहते हुए भारतीय लोकतंत्र के शासकों की हीरोइन के रूप में नवाजने के साथ किया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement