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राम रहीम के अरबों की प्रॉपर्टी के उत्तराधि‍कारी के लिए सुगबुगाहट शुरू

राम रहीम के उत्तराधिकार की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है, हालांकि वह खुद नहीं चाहता कि उसका कोई उत्तराधिकारी बने.

डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय
सतेंदर चौहान/दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

 राम रहीम के जेल में जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह हो खड़ा हो गया है कि उनकी अरबों की संपत्ति और तकरीबन 67 देशों में फैले डेरों, चल-अचल संपत्ति का वारिस कौन होगा? राम रहीम के उत्तराधिकार की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है, हालांकि वह खुद नहीं चाहता कि उसका कोई उत्तराधिकारी बने.

कुल 67 देशों में फैली अरबों की प्रॉपर्टी

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 पंचकूला के सेक्टर 23 में बने डेरे पर मंगलवार को पुलिस के जवान पहुंचे और पूरे डेरे की तलाशी ली. वहां उन्हें आलीशान सोफे, बेशकीमती क्रॉकरी, दीवारों पर सुनहरी पेंटिंग और बाबा के बैठने के लिए खास गोल्डन कलर का सोफा मिला. सोफे की तकरीबन कीमत डेढ़ लाख रुपए है. यह नजारा है गुरमीत राम रहीम के एक बेहद ही छोटे से डेरे का. सवाल यह खड़ा होता है कि जब पंचकूला में एक बेहद छोटे से डेरे में इस तरह की सुख सुविधाएं हैं तो उस मुख्य डेरे का क्या हाल होगा जो 700 एकड़ में फैला है और जिसमें 15 एकड़ में बाबा का आलीशान बंगला है, जिसमें उनकी तथाकथित गुफा भी शामिल है. इस डेरे की कीमत कितने करोड़ रुपये की होगी, अभी इसके बारे में बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है. राम रहीम के डेरे दुनिया के अलग-अलग 67 देशों में हैं. इसके अलावा पूरे देश में उसके सैकड़ों छोटे-मोटे डेरे हैं.

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राम रहीम की कुछ और ही है योजना

अब कहा यह जा रहा है कि बाबा के वारिसों में सबसे पहले नाम आता है हनीप्रीत सिंह का जो कि बाबा की दत्तक पुत्री है. दूसरे नंबर पर बाबा की असली दो लड़कियां चरण प्रीत कौर और अमरप्रीत कौर, बेटा जसमीत तथा माता नसीब कौर है. परिवार चाहता है कि बाबा की कुर्सी पर अब उनके बेटे जसमीत को बैठाया जाए, लेकिन अंदर के सूत्रों और बाबा के करीबी रिश्तेदारों से पता चला है कि राम रहीम नहीं चाहता कि अभी उसकी गद्दी किसी को भी सौंपी जाए. वह चाहता है कि गद्दी सौंपने के बजाय एक कमेटी बना दी जाए और असली अधिकार बाबा के पास ही रहे.

इसके पीछे राम रहीम की यह सोच हो सकती है कि अगर जसमीत या किसी को भी डेरे की कमान सौंपी गई तो सबका ध्यान बाबा से हट जाएगा और बाबा की कानूनी कार्रवाई की पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा. कमेटी बनी रहेगी और अधिकार राम रहीम के पास रहेंगे तो परिवार के लोग उसे बाहर निकालने के लिए कोशिश करते रहेंगे. बाबा के शाही परिवार का हिस्सा और उनके रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह गौरा ने इस बात की पुष्टि की है.

 

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